रविंद्र आनंद ने पुलिस पर लगाया मामला दबाने का आरोप

देहरादून,। पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद ने सीपीयू प्रकरण में पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कि यदि इस मामले में कार्रवाही करने में और देरी की गई तो उन्हें उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी साथ ही उन्हें मजबूरन न्यायपालिका की शरण मे जाना होगा।  उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में रविंद्र सिंह आनंद ने कहा कि गत 3 जून को उनके साथ सीपीयू उपनिरीक्षक शैलेंद्र सिंह नेगी एवं साथी कुलदीप सैनी द्वारा अभद्रता एवं मारपीट की गई तथा उनकी जेब में हाथ डाल कर लूट खसोट करने की कोशिश की गई। जिसकी रिकॉर्डिंग त्यागी रोड के एक होटल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और बाद भी वायरल हो गई। जिसमें रविंद्र द्वारा एक प्रार्थना पत्र डीजी लॉएंड ऑर्डर अशोक कुमार को दिया गया था। जिसका संज्ञान लेते हुए उन्होंने एसपी ट्रैफिक को विवेचना सौंपी थी। विवेचना पूरी हो जाने पर भी आज तक इस पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके संबंध में रविंद्र सिंह आनंद के साथ एक प्रतिनिधिमंडल कप्तान मिल चुका है, परंतु आश्वासन के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ। रविंद्र ने कहा कि पुलिस ही पुलिस के खिलाफ कार्रवाही करने से कतरा रही है और दोषियों को संरक्षण दे रही है। इससे यह भी जाहिर होता है कि “सैया भए कोतवाल तो डर काहे का”। वहीं दूसरी ओर जैसा कि उन्होंने बताया कि उन पर प्रदेश के कुछ राज्यमंत्रियों एवं मंत्रियों के सचिवों की ओर से समझौते का दबाव बनाया जा रहा था जिस पर उन्होंने समझौते से साथ इंकार किया। रव्रिंद्र ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि पुलिस पर भी किसी प्रकार का दबाव बनाया जा रहा हो। उन्होंने कहा कि कि यदि इस मामले में कार्रवाही करने पर और देरी की गई तो उन्हें उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी साथ ही उन्हें मजबूरन न्यायपालिका की शरण मे जाना होगा। इस अवसर पर भाजपा नेत्री बबिता सहोत्रा, राजीव सच्चर, विजय कथूरिया, अमरजीत सिंह कथूरिया, अरुण शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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