नए साल से त्योहारों का मजा किरकिरा करने की तैयारी में रेलवे, बढ़ सकता है किराया

नई दिल्ली : डायनामिक प्राइसिंग के तहत रेलवे दिवाली, दुर्गा पूजा व छठ जैसे त्योहारों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है। साथ ही असुविधाजनक घंटों, कम लोकप्रिय मार्गो या बिना रसोईयान वाली ट्रेनों में सफर करने पर छूट देने का भी प्रस्ताव है। इन प्रस्तावों को 31 दिसंबर तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

पिछले हफ्ते वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने एयरलाइनों की तर्ज पर प्रतिस्पर्धात्मक किराये निर्धारित करने के लिए फ्लेक्सीबल डायनामिक प्राइसिंग की जरूरत पर बल दिया। ईस्टर्न, वेस्टर्न और वेस्ट-सेंट्रल जोनों ने डायनामिक प्राइसिंग के कुछ उपाय सुझाए हैं। इनमें यह सुझाव भी शामिल है कि असुविधाजनक समय (उदाहरणार्थ रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक और दोहपर एक बजे से 5 बजे तक) पर अपने गंतव्य पर पहुंचने वाली ट्रेनों के किरायों में छूट प्रदान की जाए। इसके अलावा पहले और अंतिम चरण में रिक्त सीटों के लिए भी 10 से 30 फीसद तक छूट दी जाए।

अलग-अलग जोनों ने व्यस्त दिनों और त्योहारों के मौसम में अतिरिक्त शुल्कों (10 से 20 फीसद) का भी सुझाव दिया है। तेज गति वाली ट्रेनों के लिए भी यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। सुझाव के मुताबिक, उनसे यह शुल्क प्रति घंटे की दर से लिया जाएगा जो इन ट्रेनों में यात्रा की वजह से बचेगा। इनके अलावा रात की यात्रा में अतिरिक्त शुल्क, ई-नीलामी के जरिये कंफर्म सीट, नीचे की सीटों के लिए अलग दर और अपग्रेडेशन शुल्क पर भी विचार किया जा रहा है।

213 रेल परियोजनाओं की लागत में भारी भरकम इजाफा

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की सितंबर-2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे की 353 परियोजनाओं में से 213 की लागत में भारी भरकम इजाफा हो चुका है। इनकी शुरुआती लागत 1,21,595 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इनकी अनुमानित लागत 2,83,482 करोड़ रुपये हो चुकी है। यही नहीं, रेलवे की 36 परियोजनाएं 12 से 261 महीनों के विलंब से चल रही हैं।

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