गुजरात चुनाव को लेकर पाकिस्तान पर सियासी घमासान

नई दिल्ली। गुजरात चुनाव में पाकिस्तान का जिक्र आने से देश का सियासी तापमान गर्म हो गया है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान की आड़ में अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का खुलकर जवाब दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भी भारत सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि बेवजह उसे चुनाव में न घसीटा जाए बल्कि अपने बूते चुनाव जीतना चाहिए। सरकार की ओर पलटवार करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बैठक के उद्देश्य व औचित्य पर सवाल उठाया और इसे पाक पोषित आतंकवाद पर राष्ट्रीय नीति के खिलाफ करार दिया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बयान जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से रविवार को एक चुनावी रैली में पाक राजनयिकों से मुलाकात को लेकर लगाए गए आरोपों पर क्षोभ जताया।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष समेत तमाम संवैधानिक पदों को नुकसान पहुंचाने की खतरनाक मिसाल कायम कर रहे हैं। बेहद तल्ख भाषा का इस्तेमाल करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा, ‘कांग्रेस पार्टी को किसी से भी राष्ट्रीयता पर भाषण नहीं चाहिए। मैं श्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाना चाहूंगा कि वह उधमपुर और गुरदासपुर में हुए आतंकी हमले के बाद भी बिना किसी आमंत्रण के पाकिस्तान गए थे। मैं इस बात से साफ तौर पर इन्कार करता हूं कि श्री मणिशंकर अय्यर की तरफ से दिए गए रात्रिभोज में गुजरात चुनाव पर कोई बात हुई थी। वहां उपस्थित किसी भी व्यक्ति ने गुजरात मुद्दे को नहीं उठाया था। वहां सिर्फ भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर बात हुई थी। वहां कई सरकारी कर्मचारी व पत्रकार भी उपस्थित थे जिन पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप नहीं लगा सकते।’

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।प्रधानमंत्री के खिलाफ मनमोहन सिंह के तल्ख लहजे पर सरकार ने तीखा पलटवार किया। अरुण जेटली ने पाक राजनयिकों के साथ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की बैठक को दुस्साहस करार देते हुए कहा कि यह आतंकवाद और पाकिस्तान पर राष्ट्रीय नीति के खिलाफ है। उनके अनुसार पाक पर राष्ट्रीय नीति साफ है कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। अरुण जेटली ने कहा कि बैठक की जरूरत और औचित्य बताने के बजाय कांग्रेस उल्टे प्रधानमंत्री पर सवाल उठा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह सरकार ने शरमलशेख में बलूचिस्तान को शामिल कर ऐसा ही दुस्साहस किया था। उनके अनुसार कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व की आड़ में अपनी गलती छुपाने की कोशिश कर रही है। बहरहाल, गुजरात में हो रहे चुनावों में पाकिस्तान को मिली तवज्जो ने भारत के साथ उसके रिश्तों को और तनावपूर्ण बनाने का इंतजाम कर दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैजल ने ट्वीट किया कि भारत को अपने चुनाव प्रचार में पाकिस्तान को खींचना बंद करना चाहिए और मनगढंत साजिश के बजाय अपने बूते चुनाव जीतना चाहिए। पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि जिस साजिश की बात की जा रही है वह पूरी तरह से आधारहीन और गैरजिम्मेदाराना है। डॉ. फैजल के इस ट्वीट का जवाब भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया। इस बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह मामला राजनीतिक है।

रविशंकर बोले, नसीहत न दे पाकिस्तानसरकार की तरफ से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से किस प्रकार कार्रवाई होती है, इस बात को पूरी दुनिया जानती है। पाकिस्तान के कुछ तत्वों के इशारे पर आतंकवादी कश्मीर और देश के कुछ हिस्सों में क्या कर रहे हैं, ये सबको पता है। पाकिस्तान लोकतंत्र के बारे में हमें नसीहत बिल्कुल न दे और न ही नरेंद्र मोदी जी के बारे में कोई नसीहत दे।

मोदी ने ये कहा था..प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को पालनपुर की चुनावी सभा में पाकिस्तान पर एक तरह से आरोप लगाया था कि वह गुजरात विधानसभा चुनावों में हस्तक्षेप कर रहा है। यह भी दावा किया गया कि पाकिस्तानी सेना का एक सेवानिवृत्त अधिकारी गुजरात में कांग्रेस नेता अहमद पटेल को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कांग्रेस के निष्कासित नेता मणिशंकर अय्यर की नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के कुछ लोगों के साथ हुई मुलाकात का मुद्दा उठाया था। उसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के एक पूर्व सैन्य अधिकारी की तरफ से किए गए ट्वीट का उल्लेख किया था।

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