पुलिसकर्मी को पीटना गंभीर मामला, कोर्ट ने कहा-नहीं मिलेगी जमानत

नई दिल्ली  । यूं तो किसी को पीटकर भाग जाने के कई मामले सामने आते रहते हैं और ऐसे मामलों में कार्रवाई भी कभी कभार ही होती है, लेकिन तीन युवकों को एक यातायात पुलिसकर्मी को पीटना उस समय भारी पड़ गया जब तीस हजारी अदालत ने यह कहते हुए आरोपियों को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया कि मामला काफी संगीन है और आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की सख्त जरूरत है।

सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही तीसरे युवक जिसकी पहचान नहीं हो पाई है, पुलिस को उसकी पहचान करने के लिए कहा।

यह मामला मध्य दिल्ली के नबी करीम थाना क्षेत्र का है, जहां पर तीन युवक यातायात पुलिसकर्मी को पीटकर फरार हो गए थे। बताते चलें कि 04 अगस्त को ड्यूटी पर तैनात हवलदार अनिल कुमार ने दो युवकों को बिना हेलमेट स्कूटी चलाने पर रोका। उसमें से एक युवक ने शराब पी रखी थी। इस पर पुलिसकर्मी ने उनका चालान कर दिया और स्कूटी जब्त कर ली।

जब वह स्कूटी को पहाड़गंज थाने में जमा कराने जा रहा था उसी दौरान दोनों युवकों ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर पुलिस वाले का रास्ता रोक लिया। इस दौरान उनकी आपस में कहासुनी हुई। तभी एक युवक जिसकी पहचान नहीं हो सकी है उसने पीछे से पुलिसकर्मी की गर्दन पर किसी भारी चीज से वार किया जिससे वह जमीन पर गिर गया। मौका देख आरोपी युवक स्कूटी लेकर मौके से फरार हो गए।

पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ लोक सेवक को पीटने और उसके काम में बाधा डालने के लिए आईपीसी की धारा 186, 332 और 353 के तहत मामला दर्ज किया। वहीं, आरोपियो ने अपनी ओर से दायर जमानत याचिका में पुलिसकर्मी के द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा बताया और कहा कि उन्होंने किसी तरह की मारपीट नहीं की।

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