केदारनाथ पुनर्निर्माण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर

देहरादून : केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस पर नजर रख रहे हैं। दो दिन के मसूरी प्रवास के बाद शुक्रवार को दिल्ली लौटते वक्त उन्होंने जौलीग्रांट हवाई अड्डे के सेफ हाउस में पुननिर्माण कार्यों के संबंध में राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी ली।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारपुरी सिर्फ उत्तराखंड नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। लिहाजा, वहां जो भी कार्य हों, उनमें केदारनाथ मंदिर की दिव्यता और भव्यता का विशेष ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों को सवा सौ सालों को ध्यान में रखकर और जरूरत के हिसाब से किया जाए। उन्होंने मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम से मंदिर तक एप्रोच रोड का सौंदर्यीकरण अच्छे ढंग से करने के निर्देश भी दिए।

प्रधानमंत्री ने इसी 20 अक्टूबर को केदारनाथ में विभिन्न पुननिर्माण कार्यों का शिलान्यास किया था। इस सिलसिले में राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को जौलीग्रांट में प्रधानमंत्री मोदी के सामने पुननिर्माण कार्यों से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया। बताया गया कि पुननिर्माण कार्य के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। पर्यटन, लोनिवि, शहरी विकास, सिंचाई, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिवों के साथ ही अन्य अधिकारी इसमें सदस्य बनाए गए हैं। कार्यों के नियमित अनुश्रवण के लिए शासन और जिला स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं।

यह भी जानकारी दी गई कि जिंदल गु्रप के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया जा चुका है। इस मौके पर राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत विभागीय अधिकारी मौजूद थे। इधर, शाम को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें केदारपुरी के भावी स्वरूप को लेकर चर्चा हुई। पुनर्निर्माण में पीएम ने नए विषय जोड़े हैं। इस साल वहां पांच लाख यात्री आए और आने वाले एक-दो वर्षों में यह लक्ष्य 10 लाख तक करने का है। पुनर्निर्माण कार्यों में नवीनतम तकनीकी का इस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा कि यहां के धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व वे दुनिया रूबरू हो सके।

मुख्यमंत्री के अनुसार प्रधानमंत्री ने इस कड़ी में लेजर शो का सुझाव दिया है। साथ ही वहां ध्यान योग के उद्देश्य से गुफाएं भी बनेंगी। इससे केदारपुरी ध्यान केंद्र के रूप में विकसित होगी। इसके अलावा 2013 की आपदा की स्मृतियों को आधुनिक तकनीकी के जरिए रखा जाएगा। इसके लिए कई कांसेप्ट आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जो भी निर्णय लिए हैं, उनके बारे में पांच दिन के भीतर पीएम को जानकारी भेजी जाएगी।

वहीं, शाम को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में केदारनाथ पुनर्निर्माण के लिए गठित हाईपावर कमेटी की बैठक हुई। इसमें सभी संबंधित विभागों को जल्द डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए, ताकि कार्यों में तेजी लाई जा सके। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि ये कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाएं।

News Source: jagran.com

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