बिहार के लोगों को मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की प्रतीक्षा

सावन खत्म होने के बाद हो सकता है विस्तार, तैयार है रिपोर्ट कार्ड

पटना । बिहार विधान सभा चुनाव को देखते हुए केन्द्र में मंत्रिमंडल विस्तार की प्रतीक्षा है मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिपरिषद विस्तार सावन खत्म होने के बाद हो सकता है. छह जुलाई से शुरू हुआ सावन का महीना, तीन अगस्त को खत्म होगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे में अगस्त के दूसरे सप्ताह में मंत्रिपरिषद विस्तार करने की तैयारी है. दरअसल, सावन मास में शुभ कार्य करने से लोग बचते हैं. बीजेपी में मुहूर्त आदि का खास ख्याल रखा जाता है. ऐसे में पार्टी सूत्रों का कहना है कि सावन मास खत्म होने के बाद लंबित चल रहा मंत्रिपरिषद विस्तार किया जा सकता है। इससे पहले बीजेपी की राष्ट्रीय टीम घोषित होगी. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बीते दिनों अनौपचारिक बातचीत में यह संकेत दिए थे कि पहले राष्ट्रीय टीम घोषित होगी, उसके बाद कैबिनेट फेरबदल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. नियमों के मुताबिक लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं. पिछली सरकार में मोदी सरकार में 70 मंत्री थे। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी पिछली बार के आंकड़े पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमल किया तो कम से कम 13 नए मंत्रियों को सरकार में जगह मिल सकती है. हरियाणा से मोदी सरकार में शामिल केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को पद मुक्त कर प्रदेश बीजेपी की कमान देने की तैयारी चल रही है।पार्टी सूत्रों का कहना है कि आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष की जून में प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस मसले पर बैठक हो चुकी है. डॉ. कृष्णगोपाल ही आरएसएस और बीजेपी के बीच कोआर्डिनेशन देखते हैं।बीजेपी के एक नेता ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम की लिस्ट तैयार है, इसका साफ मतलब है कि कौन संगठन से सरकार में और सरकार से संगठन में आएगा, किस राज्य से संगठन और सरकार में कितने लोग आएंगे, इसका खाका तय हो चुका है।सूत्रों का कहना है कि संगठन से राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, डॉ. अनिल जैन, अनिल बलूनी का नाम मंत्री बनने के संभावितों में है. सरकार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के मकसद से राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय को भी राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है. राजस्थान से जुड़े एक मंत्री को ड्रॉप किया जा सकता है. आठ कैबिनेट मंत्रियों के पास से दो से तीन मंत्रालय हैं. कुछ स्वतंभ प्रभार वाले मंत्रियों के पास भी एक से अधिक मंत्रालय हैं. ऐसे में इन मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य बने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी मोदी सरकार के संभावित मंत्रियों में चल रहा है. सूत्रों का कहना है कि एस जयशंकर की तर्ज पर कुछ विशेषज्ञों को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है।

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