#Ouch: अवार्ड शो में पैसे लिए…नाचे गाए…पर फिर ट्रॉफी नहीं मिली तो…

स्टैंड लेना समझते हैं? किसी बात पर टिके रहना। लेकिन कम से कम सुशांत सिंह राजपूत में ये गुण नहीं है। समझाते हैं…हुआ यूं कि इस साल एम एस धोनी की सफलता के बाद सबको लगा कि बेस्ट एक्टर का अवार्ड उन्हें ही मिलेगा।
सुशांत को भी इस बात पर पूरा कॉन्फिडेंस था। इसीलिए वो हर अवार्ड शो में गए। कुछ जगह परफॉर्म करने के पैसे लिए कुछ जगह नहीं लिए। लेकिन स्टार स्क्रीन का क्रिटिक्स अवार्ड छोड़ कर उनके हाथ कुछ नहीं आया।
तो एक महीने पहले ट्रॉफी के साथ ये फोटो डालने वाले सुशांत ने कहा कि हम लोग बाकी लोगों से सदियों पीछे हैं। हम सिनेमा के नाम पर एवरेज चीज़ों को सम्मान देते हैं। उनका मतलब था अवार्ड से या जिन फिल्मों को अवार्ड मिला।
[अक्षय कुमार ने सबको कौड़ी के भाव धो डाला!]
अब सुशांत को याद दिला दिया जाए कि इस साल फिल्मफेयर ने भले ही गालियां खाईं हो पर अंत में उन्होंने अपनी इज़्जत बचाई औऱ बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया आमिर खान को। वहीं क्रिटिक्स मिला शाहिद कपूर और मनोज बाजपेयी को।
[हां मैंने बेस्ट एक्टर का अवार्ड खरीदा है]
तो क्या वाकई सुशांत मानते हैं कि उड़ता पंजाब, अलीगढ़ और दंगल ‘एवरेज’ यानि कि उनकी भाषा में ‘mediocre’ सिनेमा था? तो कोई उन्हें बताए कि ये बेवकूफाना तुलना हॉलीवुड से करना बंद कर दें!
उठिए, कॉफी पीजिए और काम पर लग जाइए! आप से कम से कम फैन्स को काफी ज़्यादा उम्मीदे हैं और हमें यकीन है आप उन्हें निराश नहीं करेंगे।
Source: hindi.filmibeat.com

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