रिटेल सेक्टर में सौ फीसदी विदेशी निवेश का सरकार के ‘अपने’ ही कर रहे विरोध

नई दिल्ली: सिंगल ब्रांड रिटेल सेक्टर में आटोमेटिक रूट से 100 फीसदी विदेशी निवेश को सरकार की मंज़ूरी के खिलाफ आवाज़ तेज़ हो रही है. संघ परिवार से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ ने मांग की कि मोदी सरकार भारतीय मार्केट पर विदेशी निवेश के असर पर व्हाइट पेपर लेकर आए.

सिंगल ब्रांड रिटेल में 100% विदेशी निवेश का विरोध बढ़ता जा रहा है. बुधवार को विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए…अब संघ परिवार के अंदर से आवाज़ उठने लगी है. आरएसएस के अहम संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने इसे देश के ख़िलाफ़ लिया गया फैसला बताया है जबकि भारतीय मज़दूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि ये देखना ज़रूरी है कि सरकार के फ़ैसलों का छोटे कारोबारियों और रोज़गार पर क्या असर पड़ रहा है.

विरजेश उपाध्याय ने एनडीटीवी से कहा, “सरकार को FDI पर एक वाइट पेपर लाना चाहिए और देश को बताना चाहिए कि FDI का अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ा है. FDI से देश को क्या लाभ हुआ, उसका क्या असर पड़ा है ये देश की जानता को जानने का हक है.

सवाल 100 फीसदी विदेशी निवेश पर बीजेपी के 100 फीसदी यू-टर्न पर भी उठ रहे हैं. लेफ्ट से जुड़े मजदूर संघ CITU ने याद दिलाया कि यही जेटली थे जिन्होंने विपक्ष के नेता के तौर पर इसका जमकर विरोध किया था. सीटू के जनरल सेक्रेटरी, तपन सेन ने कहा, “एयर इंडिया जब टर्नअराउंड के पाथ पर है तब उसमें FDI को मंज़ूरी देना एक एंटी-नेशनल फैसला है…मोदी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ के नाम पर ‘डिस्ट्राय इंडिया’ की नीति पर आगे बढ़ रही है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *