अब ऑलवेदर रोड की चैड़ाई साढ़े पांच मीटर,5000 पेड़ों की होगी हिफाजत

देहरादून। चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में आए फैसले से धरासू-गंगोत्री के बीच पांच हजार से अधिक पेड़ों की हिफाजत हो जाएगी। पर्यावरणीय सरोकारों से जुड़े लोगों का दावा है कि अब 80 प्रतिशत पेड़ कटने से बच जाएंगे। इको सेंसिटिव जोन और पर्यावरणीय कारणों की वजह से ऑलवेदर रोड परियोजना के इसी पैकेज पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। इस पैकेज पर काम करने की जिम्मेदारी सड़क सीमा संगठन (बीआरओ) को सौंपी गई है।अदालत का फैसला आने के बाद अब ऑलवेदर रोड की चैड़ाई साढ़े पांच मीटर ही होगी। इसका सबसे अधिक फायदा उत्तरकाशी जिले में धरासू-गंगोत्री के बीच के क्षेत्र को होगा। आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक 124 किमी लंबे इस राजमार्ग का 87.31 किमी हिस्से में सिविल कार्य होने हैं। ये पूरा राजमार्ग भागीरथी इको सेंसिटिव जोन में शामिल है। इस मार्ग पर राजस्व व वन भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो सकी है। यही वजह है कि मंत्रालय के हिसाब से मार्ग की चैड़ाई को लेकर पर्यावरणीय सरोकारों से जुड़े लोग चिंतित थे। उनकी चिंता मार्ग चैड़ा करने के दौरान हजारों पेड़ों के कटान को लेकर थी। बीआरओ ने मुखबा होते हुए मार्ग का जो संरेखण तैयार किया था, उसके अनुसार, सात से आठ हजार पेड़ों का कटान तय माना जा रहा था। लेकिन अब न्यायालय ने मार्ग की चैड़ाई अधिकतम साढ़े पांच मीटर करने से करीब पांच हजार पेड़ों के कटान और नुकसान से हिफाजत हो जाएगी।

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