नीतीश को पीएम बनाने की मांग
एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू के अंदर फिर से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने की आवाज उठने लगी है। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी नीतीश कुमार को पीएम चेहरा घोषित करने की आवाज उठायी गई थी। अब 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी नीतीश कुमार को पीएम चेहरा घोषित करने की बात कही जा रही है। जेडीयू के एमएलसी गुलाम रसूल बलयावी ने बयान दिया है कि अगर एनडीए फिर से वापसी चाहती है तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित करना चाहिए। क्योंकि नीतीश कुमार के नाम पर ही 75 फीसदी मुसलमान वोट देने के लिए तैयार होंगे। बलयावी ने कहा कि सरकार ट्रिपल तलाक और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर बात कर रही है। लेकिन तलाक, निकाह, मंदिर और मस्जिद के मुद्दों पर सरकार नहीं बनती है। उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर जेडीयू पार्टी और मेरा मत साफ है। ट्रिपल तलाक एक धार्मिक मुद्दे हैं इस पर किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। किसी भी धार्मिक मुद्दों पर जेडीयू खुद को अलग रखता है और अलग ही रखेगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में सभी लोगों को धर्म के हिसाब से जीने मरने, शादी, निकाह, और तलाक जैसे चीजों की स्वतंत्रता है। इसलिए इस पर हस्तक्षेप मान्य नहीं होगा। ट्रिपल तलाक हमारी आजादी को प्रभावित करती है। हमारी आजादी को प्रभावित करने का अधिका किसी जनता या किसी भी पार्टी को नहीं है।