विश्वास को BJP का एजेंट बताने वाले अमानतुल्लाह पर मेहरबान केजरीवाल

नई दिल्ली । भ्रष्टाचार दूर करने के नाम पर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (AAP) अब अमानतुल्लाह खान को फिर से दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन बनाने की तैयारी कर रही है। इनके चेयरमैन रहते हुए दिल्ली वक्फ बोर्ड में बड़ा घपला उजागर हुआ था जिसपर उपराज्यपाल नजीब जंग ने बोर्ड को भंग कर दिया था।

बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के गठन की प्रक्रिया के लिए अधिसूचना जारी की थी। दो दिन पहले इसके लिए मतदान हुआ। जिसमें दिल्ली विधानसभा में कुल चार मुस्लिम विधायकों ने मतदान किया।

इसमें सदस्यता के लिए विधायक व पूर्व मंत्री आसिम अहमद व अमानतुल्लाह खान खड़े हुए। आसिम को केवल अपना वोट मिला। जबकि अमानतुल्लाह को आप विधायक हाजी इशराक व इमरान हुसैन का वोट मिला। ऐसे में अमानतुल्लाह को सदस्य चुन लिया गया।

बोर्ड के प्रबंधन के लिए सदस्यों को नियुक्त किए जाने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में प्रक्रिया पूरी कर अमानतुल्लाह को चेयरमैन बना दिया जाएगा। नियम के अनुसार विधायक सदस्य ही चेयरमैन हो सकते हैं। ऐसे में अमानतुल्लाह को चेयरमैन पद के लिए आगे बढ़ाए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।

हालांकि अमानतुल्लाह पर सरकार की मेहरबानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले ही पार्टी ने उनका निलंबन वापस ले लिया है।

कुमार विश्वास को भाजपा का एजेंट बनाने पर उन्हें गत वर्ष निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के बावजूद खान को दिल्ली विधानसभा की कई महत्वपूर्ण कमेटियों मे जगह दी गई थी।

बता दें कि 7 अक्टूबर 2016 को उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया था। इसके साथ ही वक्फ बोर्ड में अलग-अलग पदों पर हुईं भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। उपराज्यपाल ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ महबूब आलम की नियुक्ति को भी गैरकानूनी करार दिया था।

वक्फ बोर्ड का गठन पांच साल के लिए किया जाता है। वर्ष 2011 में दिल्ली सरकार द्वारा गठित दिल्ली वक्फ बोर्ड का कार्यकाल दिसंबर 2016 में पूरा होने वाला था, लेकिन भ्रष्टाचार की शिकायत तथा बोर्ड के कुल सात सदस्यों में से पांच ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

फिलहाल दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े सभी अधिकार राजस्व सचिव के पास हैं। उपराज्यपाल नजीब जंग ने अपने आदेश में कहा था कि बोर्ड द्वारा गैरकानूनी काम करने, नियमों को न मानने और नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप की जांच सीबीआइ करेगी।

मालूम हो कि सितंबर 2016 में वक्फ बोर्ड में हुई भर्तियों में घोटाले की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने पहले जांच शुरू की थी।

इसके तहत एसीबी ने बोर्ड के दफ्तर पर छापा मारा था। मोहम्मद मुस्तफा नामक व्यक्ति से शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने वक्फ बोर्ड से 2016 में हुई भर्तियों की जानकारी मांगी थी।

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