केजरीवाल सरकार के स्कूल मॉडल का नीति आयोग भी कायल

नई दिल्ली। नीति आयोग ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों के ऐतिहासिक कायाकल्प की बुधवार को सराहना की। दरअसल, सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों ने देश की राजधानी को राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) में सर्वाधिक अंक हासिल करने में मदद की है। ‘भारत नवाचार सूचकांक 2020 में सभी राज्यों ने औसतन 35.66 अंक प्राप्त किए हैं। सूचकांक के मुताबिक दिल्ली की अधिक आय और सरकारी स्कूलों के ऐतिहासिक कायाकल्प के चलते राजधानी दिल्ली ने सर्वाधिक एनएएस स्कोर (44.73) हासिल किए। इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि किसी राज्य की आय का स्तर भी एक बड़ी भूमिका निभाता है। सूचकांक में कहा गया है कि सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों में अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनश्चित कर राज्य एनएएस स्कोर बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।सूचकांक के मुताबिक, देशभर में इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में दाखिले में कमी दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में छात्रों का दाखिला देश के दक्षिणी हिस्सों में केंद्रित रहा, हालांकि यह आंकड़ा पूर्वोत्तर राज्यों में कम रहा। गौरतलब है कि आगामी यूपी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर चुकी आम आदमी पार्टी (AAP) ने दोनों की राज्यों की भाजपा सरकारों पर शिक्षा की अनदेखी का आरोप लगाते हुए घेरना शुरू कर दिया है। इसके लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यूपी और उत्तराखंड के शिक्षा मंत्रियों को शिक्षा और स्कूलों पर किए गए कामों को लेकर खुली बहस की चुनौती दी है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने दोनों ही राज्यों में अपने नेताओं और कार्यकर्तांओं को शिक्षा व्यवस्था और जर्जर स्कूल भवनों की पोल खोलने का जिम्मा भी सौंप दिया है। ‘आप’ का दावा है कि बीजेपी सरकारों द्वारा किए जा रहे बेहतर शिक्षा के सभी खोखले हैं।

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