अब जंतर मंतर पर नहीं सुनाई देंगे नारे, तत्काल प्रभाव से लगी रोक
नई दिल्ली । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह तत्काल प्रभाव से जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शनों को रोके। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शनों से ध्वनि प्रदूषण होता है। इस बाबत (प्रदूषण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 का भी हवाला दिया।
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आरएस राठौर ने दिल्ली सरकार के साथ नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) कहा है कि वह अस्थायी ढांचे, लाउड स्पीकर और जनता को संबोधित करने वाले सिस्टम को तत्काल हटाए।
NGT directs Delhi Govt, NDMC & Delhi Police Commissioner to stop all protest, assembling of ppl, public speeches etc at Jantar Mantar road.
— ANI (@ANI) October 5, 2017
इसी के साथ एनजीटी ने दिल्ली सरकार, एनडीएमसी और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को कहा है कि वे तत्काल जंतर मंतर पर सभी तरह के विरोध प्रदर्शनों पर मसलन धरना, आंदोलन, लोगों के इकट्ठा होने, जनसभा को संबोधित करने, लाउड स्पीकर इस्तेमाल करने का विकल्प ढूूंढ़ें। इन्हें रामलीला मैदान के पास ले जाएं।
इससे पहले एनजीटी ने जंतर मंतर के विकल्प के तौर पर अन्य स्थान नहीं खोजने पर दिल्ली सरकार से नाराजगी भी जताई थी। बता दें कि एक याचिका में आरोप लगाया गया था कि जंतर मंतर पर आंदोलनों से बहुत ध्वनि प्रदूषण होता है।
NDMC chairman,Delhi Police Commissioner& Delhi Govt shall file their respective compliance report within 5 weeks from date of judgement: NGT
— ANI (@ANI) October 5, 2017
यह याचिका वरुण सेठ ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सामाजिक समूहों, राजनीतिक दलों, गैर सरकारी संस्थाओं से जुड़े लोग जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है। याचिका में यह भी कहा गया है कि नियमित प्रदर्शन करने वाले शांत से रहने के अधिकारों को उल्लंघन करते हैं।
उस दौरान न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने कहा था कि कई अदालतों ने समय समय पर विरोध प्रदर्शनों के आयोजन स्थल के तौर पर किसी अन्य स्थान का चयन करने का आदेश दिया है लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
पीठ ने आप सरकार से कहा था कि इसकी जगह रामलीला मैदान को तय करने की संभावना पर विचार किया जाए। इस स्थान पर भी बड़ी राजनीतिक रैलियां और सभाएं होती हैं।
पीठ ने कहा, क्या आप कभी जंतर मंतर गये हैं? क्या आपने कभी इलाके के निवासियों की हालत देखी है। आप कुछ क्यों नहीं करते। आपके पास कानून हैं।
News Source: jagran.com