कोहरे ने लगाई रफ्तार पर ब्रेक, देरी से चल रही हैं 13 रेलगाड़ियां, 10 ट्रेनें रद
नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में ठंड और धुंध का असर दिखने लगा है। बुधवार को दिल्ली आने-जाने वाली 10 ट्रेनों को परिचालन की दिक्कतों व कम विजिबिलटी के चलते कैंसल किया गया है। इसके अलावा 13 ट्रेनें लेट चल रही हैं। ट्रेनों के रद होने की वजह से यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को हो रही है।
कुछ ट्रेनों के समय में परिवर्तन भी किया गया है। इससे पहले भारतीय रेलवे ने एक दिसंबर से 13 फरवरी के बीच 46 ट्रेनों को रदद् करने का फैसला लिया था। उत्तर भारत में कोहरे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया था।
Delhi: 13 trains late, 10 cancelled due to low visibility
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— ANI Digital (@ani_digital) December 13, 2017
बढ़ गई यात्रियों की परेशानी
ट्रेनों की लेट लतीफी से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से दो से आठ घंटे की देरी से रवाना हो रही हैं। ऐसे में यात्रियों को ठिठुरते हुए प्लेटफॉर्म पर रात गुजारनी पड़ रही है। मंगलवार को लगभग 50 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से नहीं पहुंची। वहीं, 13 ट्रेनें अपने समय पर रवाना नहीं हो सकीं।
सबसे ज्यादा देरी से अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस लगभग नौ घंटे की देरी से रवाना हुई। फिरोजपुर इंटर सिटी एक्सप्रेस और आनंद विहार-संतरागाछी एक्सप्रेस पांच-पांच घंटे और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस सवा चार घंटे की देरी से प्रस्थान की। इसी तरह से कई अन्य ट्रेनें एक से तीन घंटे की देरी से चलीं।
स्टेशन पर भीड़ भी बढ़ रही है
ट्रेन के प्रस्थान समय में बदलाव की सूचना समय पर नहीं मिलने से यात्रियों की परेशानी और बढ़ जाती है। ऑनलाइन चेक करने पर ट्रेन के चलने का जो समय दिखाया जाता है वह स्टेशन पहुंचते-पहुंचते बदल जाता है। ट्रेनें लेट होने की वजह से स्टेशन पर भीड़ भी बढ़ रही है। प्रतीक्षालय में यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिल रही है। ऐसे में उनके सामने प्लेटफॉर्म पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करने के सिवाय कोई और चारा नहीं रह जाता है।
रियल टाइम मॉनिटरिंग के हिसाब जानकारी दी जाती है
यात्रियों का कहना है कि यदि ट्रेन के बारे में सही सूचना मिल जाए तो परेशानी कम हो सकती है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि रियल टाइम मॉनिटरिंग के हिसाब से ट्रेनों के बारे में जानकारी दी जाती है। कई बार ट्रेनें रास्ते में और देर हो जाती हैं। इस कारण इनके प्रस्थान समय में भी बदलाव करना पड़ता है।
पिछले दिनों ट्रेनों की देरी की हालत यह थी कि एक घंटे से ज्यादा लेट ट्रेनों के लिए रेलवे को यात्रियों को 33 लाख से भी ज्यादा एसएमएस भेजेने पड़े। रेलवे का कहना है कि अगले साल से ट्रेनों के समय की जानकारी देने वाली इस एसएमएस सर्विस को बढ़ाते हुए इसमें 145 अन्य प्रीमियम ट्रेनों को शामिल किया जाएगा।