पुलिस की हिरासत में नाबालिग छात्र की मौत
सितारगंज । उत्तराखंड के सितारगंज में पुलिस अभिरक्षा में नाबालिग छात्र धीरज राणा (17) की मौत के मामले में एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने सिडकुल चौकी प्रभारी और अन्य स्टाफ के खिलाफ छात्र को अवैध रूप से अभिरक्षा में लेने और हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीओ सुरजीत ने बताया कि मामले में अभी किसी भी अधिकारी को विवेचक नहीं बनाया गया है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में डीजीपी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। बता दें कि 11 जुलाई की दोपहर करीब 1:45 बजे सिडकुल पुलिस चौकी के लॉकअप में बंद सिसौना गांव निवासी छात्र धीरज सिंह राणा उर्फ धीरू की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शुक्रवार को धीरू के पिता वीरेंद्र सिंह राणा ने एसएसपी बरिंदरजीत सिंह को पत्र भेजा और एसपी देवेंद्र पींचा को तहरीर सौंपी।तहरीर में आरोप लगाया कि गांव के राजा सिंह के घर नौ जुलाई की रात को चोरी के शक में बुधवार सुबह करीब 11:30 बजे रास्ते से धीरज राणा को सिडकुल चौकी पुलिस उठा ले गई। बृहस्पतिवार शाम करीब चार बजे किसी अन्य व्यक्ति ने फोन पर बताया कि उनके बेटे की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। पुलिस आनन फानन में किसी भी प्रकार कार्रवाई कर सकती है। इस पर वह, उनका बड़ा बेटा शुभम सिंह राणा, चाचा सचिन राणा और बहनोई राजू सिंह राणा चौकी पहुंचे।वहां सिडकुल चौकी पुलिस धीरज का शव सीलबंद कर अन्यत्र भेजने की फिराक में थी। पुलिस से इस बारे में पूछा तो कुछ भी बताने से इनकार कर दिया गया और परिवार को भगाने की कोशिश की गई। उनके जबरदस्ती करने पर उन्हें अकेले हवालात में ले जाकर चेहरा दिखाया गया तो स्पष्ट हुआ कि धीरज की वास्तव में मौत हो गई है।उन्होंने चौकी पुलिस पर अमानवीय कृत्य करने का आरोप लगाते हुए चौकी प्रभारी और अन्य स्टाफ के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इस पर एसएसपी ने कोतवाली पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। सीओ सुरजीत ने बताया कि मृतक धीरज के पिता वीरेंद्र सिंह राणा की तहरीर पर सिडकुल चौकी के सभी कर्मियों के खिलाफ हत्या और अवैध रूप से छात्र को अभिरक्षा में रखने के आरोप में आईपीसी की धारा 302 और 342 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।