आयुष्मान योजना: अब केवल उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों में होंगे मोतियाबिंद के ऑपरेशन

देहरादून। उत्तराखंड में मोतियाबिंद के ऑपरेशन राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत कैंप आदि लगाकर सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जाते हैं। बावजूद इसके मरीज लगातार इन ऑपरेशन को निजी अस्पतालों में करा रहे थे। उत्तराखंड स्वास्थ्य अभिकरण की जांच में पाया गया कि केवल 183 मरीजों ने ही सरकारी अस्पतालों में योजना के तहत मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया। जबकि, निजी अस्पतालों में यह आंकड़ा 25 हजार के पार पहुंच गया। ऐसे में सरकार को योजना के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन में लगभग 15 लाख रुपये का क्लेम सरकारी अस्पतालों को देना पड़ा। बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन में सरकारी और निजी अस्पतालों के गठजोड़ पर लगाम लगाने के लिए सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन किए जाएंगे। रेफर होने के बाद निजी अस्पतालों में यह ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के सीईओ युगल किशोर पंत ने इस संबंध में सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। पंत ने कहा है कि अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत राजकीय चिकित्सालयों के अतिरिक्त निजी चिकित्सालयों में भी मोतियाबिंद के ऑपरेशन हो रहे हैं।जबकि, यह एक पूर्व निर्धारित प्रक्रिया है, जिसमें आपातकाल जैसी कोई बात नहीं होती है। राजकीय चिकित्सालय कई प्रकार के कैंपों के माध्यम से भी मोतियाबिंद के ऑपरेशन करते हैं। लिहाजा, आयुष्मान योजना के तहत केवल सरकारी अस्पतालों में ही मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जाएं।

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