गुजरात चुनाव: पीएम मोदी की मां हीरा बेन ने वोट डाला, 14 जिलों की 93 सीटों पर वोटिंग जारी

गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम दौर के लिए गुरुवार को सुबह 8 बजे से वोटिंग जारी हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बेन ने गांधी नगर के पोलिंग बूथ में वोट डाला. वहींं हार्दिक पटेल की माता-पिता ने वीरमग्राम में वोट डाला. कड़ी सुरक्षा के बीच अहमदाबाद, गांधीनगर, बनासकांठा समेत 14 जिलों की 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस दौर में कुल 851 उम्मीदवार मैदान में हैं. पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, लाल कृष्ण आडवाणी समेत 2.22 करोड़ वोटर गुरुवार को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

वहीं कई बड़े चेहरों की किस्मत गुरुवार को ईवीएम में कैद हो जाएगी. कई सीटों पर काफी दिलचस्प मुक़ाबले की उम्मीद है. मेहसाणा से उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का मुकाबला कांग्रेस के जीवाभाई पटेल से है. राधनपुर से कांग्रेस के अल्पेश ठाकोर का मुकाबला बीजेपी के लविंगजी ठाकोर से है. वहीं वडगाम सीट से कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश मेवाणी का मुकाबला बीजेपी के विजय चक्रवर्ती से है.

पार्टी और गठजोड़: 2017 विधानसभा चुनाव        

पार्टी                      दूसरे दौर में सीटें           पूरा गुजरात
बीजेपी                         93                          182
कांग्रेस                         90                          178
भारतीय ट्राइबल पार्टी       2                              6
कांग्रेस समर्थित निर्दलीय  1                              1

दूसरे दौर के दिग्गज उम्मीदवार    

मेहसाणा     नितिन पटेल                बीजेपी        उपमुख्यमंत्री
सिद्धपुर       जयनारायण व्यास        बीजेपी        पूर्व मंत्री और पार्टी प्रवक्ता
राधनपुर      अल्पेश ठाकोर              कांग्रेस         प्रमुख OBC नेता, हाल में कांग्रेस में शामिल
वडगाम        जिग्नेश मेवाणी           कांग्रेस समर्थित निर्दलीय    प्रमुख दलित नेता, कांग्रेस के समर्थन से उम्मीदवार
वतवा          प्रदीप सिंह जडेजा          बीजेपी          गृह राज्य मंत्री
ढोलका        भूपेंद्र सिंह चुड़ास्मा        बीजेपी          3 बार विधायक, फ़िलहाल मंत्री
दाभोई         सिद्धार्थ पटेल                कांग्रेस           पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

पिछली बार के सभी चुनावों से यह चुनाव कुछ अलग है. क्योंकि भाजपा के खिलाफ जाति आधारित समीकरण बैठाने की जुगत में कांग्रेस ने हार्दिक पटेल, ठाकोर और मेवानी का सहारा लिया है जो पाटीदारों, अन्य पिछड़ा वर्ग और दलितों की ओर से युवा तुर्क बनकर उभरे हैं.

गुजरात विधानसभा चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए साख का विषय है. इतना ही नहीं, यह दोनों के लिए परीक्षा की घड़ी भी है. एक-दो जगह को छोड़ दें तो लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस लगातार हार का मुंह देखती आ रही है. कांग्रेस इस चुनाव को जीतकर अपनी खोई जमीन तलाशने की कोशिश करेगी और एक बार फिर से अपने कार्यकर्ताओं में विश्वास भरने की कोशिश करेगा. वहीं भाजपा के लिए इस चुनाव को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले की परीक्षा माना जा रहा है. अगर एक तरह से कहा जाए तो गुजरात विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है और राहुल के लिए अग्निपरीक्षा है.

बता दें कि दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार को खत्म हो गया. चुनाव प्रचार थमने से पहले रैलियों में पीएम मोदी और राहुल गांधी ने एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेला. चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में मोदी ने तीखा हमला बोला और पालनपुर में एक रैली के दौरान आरोप लगाया कि पाकिस्तान गुजरात चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि मणिशंकर अय्यर द्वारा उन्हें ‘नीच’ कहे जाने के एक दिन पहले कुछ पाकिस्तानी अधिकारियों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं के बीच मुलाकात हुई.

हालांकि, मनमोहन सिंह ने मोदी से कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. इतना ही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी के आरोपों को सिलसिलेबार ढंग से खारिज किया और पीएम मोदी और अमित शाह को आड़े हाथों लिया. इतना ही नहीं, मंगलवार को अहमदाबाद में एक प्रेस कॉनफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने गुजरात में जीत की उम्मीद जताई और कहा कि इंतजार कीजिए, गुजरात चुनाव के नतीजे जबरदस्त होंगे.

आज दूसरे दौर का मतदान संपन्न होने के बाद मतगणना 18 दिसंबर को होगी. बता दें कि पहले चरण में 89 सीटों के लिए हुई वोटिंग में 66.75 फीसदी मतदान हुए. साल 2012 में भाजपा ने 115 सीट जीती थीं. कांग्रेस को 61 सीटों पर जीत मिली थीं. अब देखना दिलचस्प होगा कि 18 दिसंबर को गुजरात की जनता क्या जनादेश देती है और वो 22 साल के बीजेपी के शासन पर ही भरोसा जताती है या फिर कांग्रेस को एक विकल्प और उम्मीद के तौर पर एक मौका देना चाहती है.

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