आतंकी अब्दुल करीम टुंडा का अदालत में चौंकाने वाला कबूलनामा

सोनीपत । आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने न्यायालय में अपने बयान के दौरान कहा था कि वह वर्ष 1994 में बांग्लादेश और सऊदी अरब के रास्ते अवैध रूप से पाकिस्तान चला गया था और वहीं रहने लगा। उसने कहा था कि वहां उसकी मुलाकात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद से भी हुई थी और उसके लिए उसने काम भी किया था।

वर्ष 1996 में वह सईद के साथ जेहाद में शामिल हुआ था और उसने आतंकी भी तैयार किए थे। उसने अपने दो रिश्तेदार दिल्ली के तेलीवाड़ा निवासी मो. आमीर खान व पिलखुआ निवासी मो. शकील को हरियाणा के विभिन्न जिलों में बम विस्फोट के लिए भेजा था।

आतंकी टुंडा का यह बयान और मामले में दो मुख्य गवाह अमित कपूर और नीलम तंवर की गवाही टुंडा को जेल की सलाखों में कैद करने के लिए काफी थी।

इसके अलावा बम ब्लास्ट के घायलों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने भी अपनी गवाही में अदालत के समक्ष स्पष्ट किया था कि घायलों के शरीर से भी बम में इस्तेमाल होने वाले र्छे बरामद हुए हैं।

टुंडा के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने 74 पेज के फैसले में सुप्रीम कोर्ट के तीन-चार निर्णयों का हवाला दिया।

इसमें पहला मामला वर्ष 1996 का ताहीर बनाम दिल्ली स्टेट, दूसरा 1997 का अजीत सावंत गजनबी बनाम कर्नाटक स्टेट और तीसरा मामला भगत राम बनाम पंजाब सरकार का शामिल किया गया है।

पाकिस्तान में ही रहता है टुंडा का परिवार

आतंकी टुंडा का पूरा परिवार फिलहाल पाकिस्तान में ही रह रहा है। उसकी तीन पत्नियां और सात बच्चे हैं। वर्ष 1995 में उसने 18 साल की युवती से तीसरी शादी की थी। आतंकी टुंडा के पेट में बहुत ही बड़ा ट्यूमर है, जो अब बाहर निकल गया है।

सजा सुनाने के बाद उसने जज के समक्ष ही अपने पेट का ट्यूमर दिखाते हुए इलाज कराने की भी गुहार लगाई। उसने बताया कि ट्यूमर की वजह से वह कुछ भी ठोस आहार नहीं ले सकता है। वह रोटी आदि नहीं खाता है, बल्कि केवल लिक्विड डाइट पर रहता है।

30 में आठ मामले लंबित

अब्दुल करीम टुंडा पर देशभर में हुए विभिन्न आतंकी घटनाओं को लेकर 30 मामले दर्ज किए गए थे। फिलहाल इनमें से आठ मामले ही लंबित हैं। लंबित मामलों में चार मामले गाजियाबाद में, एक-एक मामले हैदराबाद व अजमेर में और दो मामले रोहतक में लंबित हैं। सभी मामले बम विस्फोट से ही संबंधित हैं।

सजा सुनने के लिए उमड़ी थी भीड़

आतंकी अब्दुल करीम की अदालत में पेशी के दौरान काफी संख्या में लोग वहां मौजूद थे। सजा को लेकर लोगों में भी उत्सुकता बनी हुई थी।

News Source: jagran.com

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