कश्मीरी महिलाओं को लेकर बयान पर घिरे खट्टर, बोले- तोड़ मरोड़कर पेश की गई टिप्पणी
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अब हरियाणा के लोग कश्मीर से दुल्हन ला सकेंगे। उनका इशारा संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिये जाने की ओर था। हालांकि बयान को लेकर आलोचना होने पर खट्टर ने सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने ट्विटर पर कार्यक्रम की पूरी वीडियो साझा करते हुए मीडिया पर अपने खिलाफ गुमराह करने वाले और तथ्यहीन अभियान चलाने का आरोप लगाया। खट्टर ने ट्वीट किया, बेटियां हमारा गौरव हैं। पूरे देश की बेटियां हमारी भी बेटियां हैं। दरअसल,खट्टर ने शुक्रवार को फतेहाबाद में एक कार्यक्रम में कहा, अगर लड़कियों की तादाद लड़कों से कम हो तो दिक्कतें हो सकती हैं। हमारे (ओ पी) धनखड़जी ने कहा था कि उन्हें (दुल्हनों को) बिहार से लाना होगा। लेकिन कुछ लोगों ने कहा, कश्मीर खुला है, लिहाजा उन्हें (दुल्हनों को) वहां से लाया जाएगा। लेकिन मजाक से हटकर, सवाल यह है कि अगर अनुपात (लिंग अनुपात) सही रहे तो समाज में संतुलन ठीक रहेगा। गौरतलब है कि धनखड़ ने 2014 में कहा था कि अगर हरियाणा के लड़कों को राज्य में सही जोड़ीदार नहीं मिली तो वह बिहार से उनके लिये दुल्हन लेकर आएंगे। हरियाणा अपने लिंग अनुपात के लिये बदनाम रहा है। खट्टर के बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विभिन्न नेताओं और वर्गों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। राहुल ने खट्टर के बयान को निंदनीय करार दिया। गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कश्मीरी महिलाओं के बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर की टिप्पणी निंदनीय है। यह दिखाता है कि आरएसएस का वर्षों का प्रशक्षिण एक कमजोर, असुरक्षित और दयनीय व्यक्ति की सोच को कैसा बना देता है। महिलाएं कोई संपत्ति नहीं हैं कि पुरुषों का उन पर स्वामित्व होगा।’इस बीच खट्टर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला करते हुए उन्हें तोड़-मरोड़कर पेश की गईं खबरों पर प्रतिक्रिया नहीं देने की सलाह दी। हरियाणा भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को एजेंडे के तहत तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगेंगी। वहीं दिल्ली महिला आयोग ने शनिवार को खट्टर के बयान को आपत्तिजनक बताते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की। खट्टर ने इससे पहले बलात्कार और छेड़छाड़ के मामलों को लेकर भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने 2018 में पंचकूला जिले के कालका शहर में एक कार्यक्रम में कहा था, बलात्कार के मामले बढ़े नहीं है। बलात्कार पहले भी होते थे अब भी होते हैं। ऐसी घटनाओं को लेकर सिर्फ चिंताएं बढ़ी हैं।