स्वतंत्रता दिवस : डीएम का अधिकारियों को सम्बोधन
देहरादून, । जिलाधिकारी एस.ए. मुरूगेशन द्वारा 72 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कलैक्टेªट परिसर में ध्वजारोहण किया गया और सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना देते हुए सभी नागरिकों के स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना की। जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे पूर्वजों ने अनेक यातनाएं झेलते हुए और अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए हमें आजादी दिलवायी इसी कारण यह जरूरी हो जाता है कि हम उन महानुभावों के सपनों के भारत को साकार करने में हर तरह से अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करें। ‘‘पराधीन सपनेहू सुख नाहीं भाई’’ अर्थात दूसरे के अधीन रहकर सपनें में भी सुख नही मिल सकता। इस सूक्ति को चरितार्थ करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जब हम अंगे्रजों के गुलाम थे तो हम अपने विचार, विश्वास, अभिव्यक्ति इत्यादि को कार्य में परिणत नही कर सकते थे और जो लोग ब्रिटिश पराधीनता के उस मुश्किल दौर को जानते हैं वे ही स्वतंत्रता का असली महत्व समझते हैं। उन्होंने कहा कि अंगे्रजों ने हमारा सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक हर प्रकार से शोषण किया और उन्होंने अपने हित साधने के लिए जो प्रयास किये उसका हमें भी आज प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तरीके से लाभ भी मिल रहा है। ब्रिटिश अपने हित साधते हुए हमें न चाहते हुए भी व्यवस्था दे गये, हमें उनकी सकारात्मक चीजों से भी सीख जरूर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा देश दासता व गुलामी की लम्बी अवधी झेलकर आया है और यहां पर सर्वत्र राजशाही व्याप्त थी, जिसमें जनता के विचारों की अपेक्षा एक ही राजा के व्यक्तिगत विचारों को ही मान्यता थी। हमारे देश ने स्वतंत्रता प्राप्त करते ही जहां लोकतंत्र को अपनाया जिसमें सभी को स्वीकार करने, सभी की संस्कृति और सभ्यता का सम्मान करने के साथ ही अपना और अपने देश का कल्याण करने की भावना निहीत है तो आज भी अनेक देशों में राजशाही व तनाशाही व्याप्त है। दूसरी ओर यह भी सत्य है कि हम आजादी मिलने के इतने समय पश्चात भी वह उपलब्धि हासिल नही कर पाये जिसको जापान, जैसे देशों ने हासिल किया है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम न केवल यह संकल्प लेकर कार्य करें कि हम अपने देश और समाज का कितना भला कर सकते हैं साथ ही अपने बच्चों को भी ऐसे संस्कार दें जिससे उनके भीतर भी राष्ट्रप्रेम, हमारी संस्कृति व विरासत का आदर और बड़े-बुजुर्ग के प्रति सम्मान के साथ ही राष्ट्र के निर्माण में सकारात्मक योगदान करने का भाव जागृत हो सके। उन्होनें कहा कि हमें ऐसे सकारात्मक विचार और व्यवहार को अमल में लाना होगा जिससे कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से सील्चर तक ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ जैसी भावना साकार हो सके। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द कुमार पाण्डेय सहित राजस्व विभाग, सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, एन.आई.सी, आपदा प्रबन्धन, निर्वाचन कार्यालय सहित कलैक्टेªट परिसर स्थित सभी विभागों के अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे।
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