कोरोना काल में शराब से ज्यादातर शौकीनों ने हाथ खड़ें किये

नई दिल्ली। कोरोना काल में शराब से ज्यादातर शौकीनों ने तौबा कर ली। एक अंतराल के बाद जब शराब की दुकानें दोबारा खुलीं तो कुछ शहरों में जबर्दस्त भीड़ उमड़ी। लेकिन अगले कुछ ही दिनों में नजारा बदल गया।शराब की दुकानों पर खरीदार लगातार कम होते गए। नतीजतन, उत्तरी राज्यों में शराब की बिक्री पिछले करीब एक महीने में 80 फीसदी तक कम हो गई। सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश में देखी गई। इसके बाद झारखंड, दिल्ली और उत्तराखंड में कमी दर्ज हुई। झारखंड में तो कम कारोबार से परेशान शराब बिक्रेता अब अपनी दुकानें तक सरेंडर करने लगे हैं। यूपी में शराब की बिक्री 80 फीसदी कम हुई है, जबकि झारखंड में 70 फीसदी।दिल्ली में भी शराब की बिक्री 50 प्रतिशत तक कम हुई है। उत्तराखंड की स्थिति थोड़ी बेहतर है। वहां यह गिरावट करीब 35 प्रतिशत तक है। इस गिरावट से सरकार का उत्पाद शुल्क विभाग सकते में है क्योंकि उसके राजस्व में भारी कमी आई है। झारखंड में लंबी बंदी के बाद शराब की दुकानें खुलीं तो उम्मीद से आधे खरीदार भी दुकानों तक नहीं पहुंचे। इसके बाद दुकानें खोलने की समय सीमा एक घंटे बढ़ाई गई।दिल्ली-एनसीआर दिल्ली में बिना कोरोना सेस लगाए शराब की बिक्री से होने वाली कमाई में सरकार को लगभग 50 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। 2019 के मई माह में जहां 600 करोड़ की बिक्री हुई थी, वहीं इस वर्ष मई में 304 करोड़ की शराब की बिक्री हुई है। यूपी यूपी में मई के महीने में अंग्रेजी शराब की बिक्री 20% रह गई है। तमाम शराब और बीयर के लाइसेंसी कारोबारी अपने लाइसेंस सरेंडर करने की मांग करने लगे हैं। उत्तराखंड प्रदेश में शराब की बिक्री में 35% की कमी आयी है। लॉकडाउन से पहले 40 लाख बोतल हर माह बिकती थी।

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