एम्स में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण शुरू

ऋषिकेश। कोविड वैक्सीन लगाने के लिए अब गर्भवती महिलाओं को प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। एम्स ऋषिकेश स्थित कोविड टीकाकरण केंद्र में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण शुरू हो गया है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक नुकसान गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ा था। कारण यह है कि कोविड गाइडलाइन के अनुरूप उस समय गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड वैक्सीन अनुकूल नहीं बताई गई थी। लेकिन विभिन्न परीक्षणों के उपरांत स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई और गर्भवती महिलाओं को भी टीकाकरण अभियान में शामिल करने का निर्णय लिया गया। मंत्रालय से सहमति मिल जाने के बाद अब एम्स ऋषिकेश के कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सुविधा शुरू कर दी गई है। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को कोविड वैक्सीन अनिवार्य रूप से लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद यह सभी के लिए सुरक्षित है, लिहाजा अब किसी भी स्टेज की गर्भवती महिला कोविड वैक्सीन लगवा सकती है। उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीन लगने से गर्भ में पल रहे बच्चे और गर्भवती महिला, दोनों को सुरक्षा कवच मिल सकेगा। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार जिन गर्भवती महिलाओं को पिछले 90 दिनों के दौरान कोविड संक्रमण नहीं हुआ हो और जिन्हें किसी प्रकार की एलर्जी की शिकायत नहीं हो, उन्हीं को यह वैक्सीन लगाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण केंद्र में वैक्सीन लगाने के लिए गर्भवती महिलाओं को वरीयता दी जा रही है। एम्स के कोविड वैक्सीनेशन सेंटर के प्रभारी और सीएफएम विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में वैक्सीन की पहली डोज एम्स की नर्सिंग ऑफिसर सुशीला चौधरी को लगाई गई। टीकाकरण केंद्र में अब तक कुल 36 हजार 374 लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अवकाश के दिनों में भी कोविड वैक्सीन लगाई जा रही है।

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