हमेशा लड़ते रहे, लेकिन आखिरी समय में तो साथ ही विदा हुए
भोपाल ।अयोध्या नगर इलाके में रविवार देर रात अस्पताल में पति की मौत के दो घंटे बाद पत्नी ने भी जान दे दी। बताया जा रहा है कि आर्थिक तंगी के चलते पति ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। उसकी मौत के बाद परिजन अस्पताल से जैसे ही घर पहुंचे, मृतक की पत्नी अपने कमरे में गई और फांसी लगा ली। सोमवार को दोनों का एक साथ सुभाष नगर विश्रामगृह में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनका दस साल का एक बेटा है। वह अपने दादा- दादी के साथ है। बिलखिरिया और अयोध्या नगर पुलिस ने अलग- अलग मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
अयोध्या नगर थाने की सीएसपी रश्मि खरिया के मुताबिक ई-सेक्टर अयोध्या नगर निवासी विजय सिंह निजी अस्पताल में सुरक्षा गार्ड था। वह पहले अपने पत्नी जमुना और दस वर्षीय बेटे के साथ बिलखिरिया में रहता था। लेकिन नौकरी चले जाने के बाद से वह ई-सेक्टर अयोध्या नगर में माता- पिता के साथ रहने लगा था। करीब दो महीने से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इसी बात को लेकर दंपती में कहासुनी होती थी।
बताया जा रहा है कि रविवार शाम को भी दोनों के बीच कहासुनी हुई थी। इस कारण विजय ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। इसके बाद उसे पटेल नगर स्थित नागपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बिलखिरिया टीआई राजेश सिन्हा के अनुसार रविवार रात 11 बजे अस्पताल से सूचना मिली थी कि विजय सिंह की उपचार के दौरान मौत हो गई। इससे उसकी पत्नी को सदमा लगा था।
परिजन जब तक रोकते, कमरा बंद कर लगा ली फांसी
मृतक के बड़े भाई महेंद्र सिंह ने बताया कि विजय की मौत के दो घंटे बाद पंचनामा बनाकर शव को हमीदिया अस्पताल की मर्चुरी में रखवा दिया गया था। जमुना को परिजन ऑटो से अयोध्या नगर स्थित घर लेकर गए थे। घर के सामने जैसे ही ऑटो रुका जमुना सबसे पहले उतर गई। परिजनों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह टॉयलेट जाने का बोलकर कमरे में चली गई। काफी देर तक जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ दिया। अंदर जमुना फांसी पर लटकी हुई मिली।
एक साथ हुआ दोनों का अंतिम संस्कार
रविवार रात एक बजे के बाद जमुना के शव को भी मर्चुरी में रखवा दिया गया था। जहां दंपती का एक साथ पीएम किया गया। सोमवार सुबह दोनों का एक साथ सुभाष नगर विश्रामगृह में अतिंम संस्कार कर दिया गया।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा था विजय
मृतक विजय अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था। बड़ा भाई महेंद्र सिंह बीएचईएल में आर्टिजन के पद पर है। दूसरा भाई हेमंत रेलवे में लोको पायलट है। विजय दोनों भाइयों के मुकाबले आर्थिक रूप से कमजोर था। महेंद्र का कहना है कि विजय की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए ही उसके परिवार को ई-सेक्टर अयोध्या नगर में पिताजी कोमल सिंह के साथ शिफ्ट करवाया था। उसके बच्चे का स्कूल में दाखिला करवाया जा रहा था। नौकरी चले जाने के बाद विजय शराब भी अधिक पीने लगा था।