रामलीला: जनक का विलाप देख भावुक हुए दर्शक

पौड़ी : संस्कृति नगरी पौड़ी में लगातार बारिश से बाधित दो दिन बाद ऐतिहासिक रामलीला का मंचन हुआ। इसमें सीता स्वयंवर के दौरान राजा जनक का विलाप देख दर्शक भावुक हो गए। रामलीला में जनकपुरी में सीता का जन्म, सीता स्वयंवर, परशुराम-लक्ष्मण संवाद मुख्य आकर्षण कर केंद्र रहा।

रविवार सायं छह बजे रामलीला मंचन का शुभारंभ जनकपुरी में बारिश नहीं होने से परेशान प्रजा के राजा जनक से सोने का हल चलाने के आग्रह से हुआ। इसके बाद राजा जनक के हल चलाते हुए हल के रुकने, जमीं में देखने पर घड़ा मिलने, घड़े में कन्या के मिलने पर झमाझम बारिश के होने, कन्या का नामकरण, सीता स्वयंवर में देश विदेश के राजाओं की शिव-धनुष उठाते हुए संवाद खूब गुदगुदाया, वर के नहीं मिलने पर जनक का विलाप दर्शकों को भावुक कर गया।

गुरु विश्वामित्र के आदेश के बाद भगवान राम के शिव-धनुष पर पत्यंचा चढ़ाते हुए टूटना, ऋषि परशुराम के क्रोधित होने, लक्ष्मण-परशुराम संवाद की प्रस्तुति दर्शकों को रोमांचित कर गया। वहीं रामलीला समिति के अध्यक्ष आशुतोष नेगी ने बताया कि रामलीला मंचन बारिश से दो दिन तक बाधित रहा। उन्होंने कहा कि रामलीला मंचन सांय सात शुरू किया जाएगा।

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