हरीश देंगे भुट्टे-ककड़ी की दावत

देहरादून। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक बार फिर आम और भुट्टे की दावत के साथ हाजिर होने जा रहे हैं। आठ जुलाई को आयोजित इस दावत को पर्वतीय क्षेत्रों के मुद्दों को लेकर हरदा की अलहदा सियासत और प्रदेश कांग्रेस संगठन को संदेश के रूप में देखा जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सूबे की सियासत पर अपनी पकड़ ढीली होने देने को तैयार नहीं हैं। अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में पर्वतीय सरोकारों से जुड़ी पहल आगे बढ़ा चुके हरीश रावत विधानसभा चुनाव के बाद की अपनी दूसरी पारी में उन सरोकारों को जन मुद्दे बनाने का मौका नहीं छोड़ रहे। साथ में चर्चा के केंद्र में रहने की सियासत के मामले में पार्टी के भीतर और बाहर अपने विरोधियों पर हावी रहने की रणनीति को भी अंजाम दे रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों का फल काफल हो या ककड़ी, आम हों या भुट्टे की दावत के अपने अलहदा अंदाज से हरदा पार्टी नेतृत्व को भी संदेश देने से नहीं चूक रहे कि उन्हें हाशिये पर नहीं फेंका जा सकता। प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व बदलने के एक साल बाद जब नई प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन को लेकर पार्टी में अंदरखाने खींचतान चरम पर हैं, ऐसे में हरीश रावत अपने इर्द-गिर्द अपने समर्थकों का मजबूत घेरा बनाए रख संगठन को भी अहमियत बयां करते दिख रहे हैं।

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