अधिक फीस लेने वाले निजी स्कूलों पर सख्ती बरत रही है गुजरात सरकार
गांधीनगर । गुजरात में अवैध शुल्क वसूलने वाले निजी विद्यालयों की अब खैर नहीं। हाईकोर्ट के बाद राज्य सरकार ने भी फीस नियमन अधिनियम का पालन नहीं करने वाले स्कूल पर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा ने शिक्षा अधिकारियों को नए कानून की जानकारी देते हुए कहा कि शुल्क निर्धारण में कोई बदलाव नहीं होगा।
गांधीनगर में शिक्षा मंत्री चूडास्मा ने राज्य के सभी शिक्षा अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें राज्य सरकार की ओर से पारित गुजरात निजी स्कूल फीस नियमन अधिनियम 2017 के तहत तय किए शुल्क व नियमों की जानकारी दी। चूडास्मा ने कहा कि राज्य के लाखों अभिभावकों व स्कूली बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने शुल्क के तीन स्तर निर्धारित किए हैं जो प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में पढ़ने वाले बच्चों के लिए हैं। राज्य का कोई भी स्कूल इससे इतर शुल्क वसूल नहीं कर सकेगा।
राज्य में लंबे समय से निजी स्कूलों की मनमानी व अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें आ रही थीं। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले अभिभावकों की ओर से एक आंदोलन किया गया। जिसके बाद सरकार ने शुल्क निर्धारण का अधिनियम पारित कर दिया। लेकिन शाला संचालक व कई स्कूल मालिक इसके खिलाफ अदालत में चले गए। गत माह हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को संवैधानिक बताते हुए इसे अमल में लाने का आदेश दिया।
शिक्षा सचिव सुनयना तोमर ने शिक्षा अधिकारियों को अधिनियम की जानकारी देते हुए राज्य सरकार के निर्देशानुसार लागू करने पर चर्चा की। तोमर ने कानून व नियमों की बारीकियां समझाते हुए कहा कि जनवरी 2018 से इसे लागू कराना है इसलिए इसको तुरंत अमल में लाने की व्यवस्था करनी होगी।