कानपुर में बजरंगदल के पूर्व जिला संयोजक की नृशंस हत्या, हिरासत में पांच आरोपी

कानपुर । आरएसएस कार्यकर्ता के बाद अब बजरंग दल के कार्यकर्ता अपराधियों के निशाने पर हैं। मेरठ में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के बाद कल रात कानपुर में बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक इंद्र बहादुर यादव उर्फ की हत्या कर दी गई।

मौत से पहले बनाए गए एक वीडियो में हमलावरों के नाम सामने आए हैं। मृतक के भाई ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इन पांचों को आज हिरासत में ले लिया गया है।

कानपुर में कल रात अर्मापुर थाने से चंद कदमों की दूरी पर दंबगों ने बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक इंद्र बहादुर यादव उर्फ विजय (34) की दौड़ा-दौड़ाकर चेहरे और गर्दन पर चापड़ व चाकू से ताबड़तोड़ वार कर नृशंस हत्या कर दी। इंद्र बहादुर यादव की हत्या के पीछे पांच लाख रुपये के लेनदेन के विवाद की बात सामने आ रही है। दम तोडऩे से पहले भाई को फोन पर इंद्र बहादुर ने पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। ब्रम्हदेव चौराहा पर फर्नीचर की दुकान है।

रावतपुर के केशवनगर के रामकरन के तीन बेटों में दूसरे नंबर के बेटे विजय को कल रात अर्मापुर थाने के चंद कदम दूरी पर कुछ लोगों ने रोक लिया। विजय के बोलेरो से उतरते ही तीन लोगों ने पीछे से पकड़ लिया और दो लोगों ने चापड़ व चाकू से गर्दन पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। बचकर भागने पर सभी ने दौड़ाकर वार करना जारी रखा। विजय चेहरे व गर्दन पर गंभीर घाव होने पर गिर गया। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों को एकत्र होता देख हमलावर भाग निकले। विजय ने एक राहगीर के फोन से अपने भाई वीर बहादुर को घटना की जानकारी दी।

अपने भाई पर जानलेवा हमले की सूचना मिलते ही वीर बहादुर साथियों संग मौके पर पहुंचे और गंभीर रूप से घायल विजय को एलएलआर अस्पताल (हैलट) ले गए। जहां से गंभीर हालत देख रीजेंसी हास्पिटल रेफर कर दिया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल पहुंचे एसएसपी अखिलेश कुमार मीणा के मुताबिक हत्या के पीछे रंजिश और लेनदेन का विवाद सामने आया है। पुलिस अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है।

भाई वीर बहादुर के मुताबिक भाई की हत्या शारदा नगर निवासी विनय झा व विनोद झा ने पांच लाख रुपये के लेनदेन के विवाद के चलते साथियों के साथ मिलकर की।

विनय ने एक वर्ष पूर्व रुपये न देना पड़ें, इसके चलते भाई पर फर्जी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। इसके चलते विजय दीपावली के पहले दस माह जेल काटकर जमानत पर छूटे थे। इस घटना के बाद भाई ने फोन पर और रास्ते में पूरी घटना का जिक्र किया। एसएसपी अखिलेश कुमार ने पुलिस बल के साथ मौके और रीजेंसी अस्पताल में पहुंचकर जांच पड़ताल की।

पुराने लेनदेन का विवाद

एसएसपी कानपुर अखिलेश कुमार मीणा ने कहा कि पुराने लेनदेन के विवाद की बात सामने आई है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए दो टीमों को लगाया गया है। एसएसपी अखिलेश कुमार मीणा के मुताबिक गंभीर रूप से जख्मी विजय का कुछ लोगों ने मरने से पहले वीडियो बनाया था।

इसमें उसने आरोपियों के नाम लिए हैं। आरोपियों से विजय का पुराना विवाद है। टीम गठित कर आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही गिरफ्तारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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