कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर इससे घबराएं नहीं बल्कि थोड़ा धैर्य रखते हुए अपने शरीर के लक्षणों पर ध्यान दें

नई दिल्ली। कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर इससे घबराएं नहीं बल्कि थोड़ा धैर्य रखते हुए अपने शरीर के लक्षणों पर ध्यान दें। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर संक्रमण की गंभीरता की जांच स्वयं कर सकते हैं।  इससे सही समय पर सही इलाज कराकर संक्रमण से निजात मिलेगी। आज हम ऐसे तीन लक्षणों की जानकारी दे रहे हैं जिससे आप यह पता लगा सकेंगे कि आपका संक्रमण खतरनाक तो नहीं बन रहा।

1. बार-बार बुखार आना खतरनाक 
दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल के एक प्रसिद्ध डॉक्टर मैथ्यू वर्गीस ने कहा कि कोरोना संक्रमण में बुखार एक शुरुआती संकेत है। अगर बुखार एक दो दिन में खत्म हो जाए तो इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। पर अगर बुखार चार पांच दिनों तक बना रहे तो यह काफी चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि यह ऊतकों पर वायरस के हमले का एक बड़ा संकेत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यदि बुखार ठीक होने के बाद बार-बार आ जाता है तो यह भी एक गम्भीर मसला है।

पहले सात दिन तक बुखार पर नजर : डॉ. वर्गीज के अनुसार, संक्रमण के पहले सात दिनों तक कोरोना रोगी को बेहद सावधान रहने की जरूरत है और बार-बार बुखार को मापते रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर यह लगातार बना हुआ है तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।

 

2. लगातार सूखी खांसी आना चिंताजनक 
विशेषज्ञों को मानना है कि बुखार के अलावा कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति में लगातार खांसी भी एक प्रमुख लक्षण के रूप में देखा गया है। हल्की खांसी चिंता का विषय नहीं है लेकिन यदि किसी मरीज को गहरी सूखी खांसी का अहसास होता है और इसके बाद कफ आता है तो यह एक चेतावनी हो सकती है। यह एक गम्भीर संकेत है कि आपके फेफड़े और श्वसन अंग बुरी तरह से संक्रमित हैं। सूखी खांसी, जिसमें कफ नहीं होता है वह भी कोरोना का एक विशिष्ट लक्षण है।

सांस लेने में भी दिक्कत हो तो निमोनिया का लक्षण :  लगातार खांसी आने के साथ सांस की तकलीफ होने और मरीज को जलन महसूस होने लगे तो यह निमोनिया का लक्षण हो सकते है।

 

3. सीने में जमाव या जकड़न पैदा होना
सीने में जमाव या जकड़न पैदा होना भी कोरोना संक्रमण को गंभीर बनाता है। डॉ. वर्गीज के अनुसार, कोरोना की शुरुआत में सीने में होने वाले किसी भी प्रकार की तकलीफ या बदलाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र पर हमला करता है इसलिए सीने में किसी प्रकार के जमाव, जकड़न, जलन या फिर घबराहट का अनुभव हो तो आपको डॉक्टर से विशेष परामर्श की जरूरत है।

सांस छोड़ने पर दर्द होना भी खतरनाक :  जब आप सांस छोड़ते हैं तो यदि आपकी छाती के आसपास तेज दर्द होता है तो यह इस बात का संकेत है कि वायरस श्वसन के निचले स्तर तक गम्भीर रूप से फैल चुका है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

दूसरी लहर में नजर आ रहे हैं ये लक्षण- 
लाल आंखें : आखों से पानी आना, सूजन और लालपन रहना ।
पेट दर्द : पेट में ऐंठन, दर्द, उल्टी आना व दस्त जैसी पाचन असुविधा।
थकावट : बीमारी के दौरान और ठीक होने के कई सप्ताह बाद तक थकान।
न्यूरो : लोगों में मनोभ्रम और नींद की कमी और न्यू संबंधी अन्य शिकायतें।
झनझनाहट : कानों में झनझनाहट सुनाई देना और सुनने की क्षमता पर फर्क पड़ना।
तेज खांसी : लंबे वक्त तक बदली हुई आवाज वाली खांसी आना।
बेचैनी : छाती में बेचैनी के साथ सांस लेने में कठिनाई भी लक्षण हैं।
तेज धड़कन : दिल की तेज धड़कन, मायोकार्डियल सूजन की शिकायत।
स्वादहीनता : भोजन की महक व स्वाद को सूंघ व महसूस न कर पाना।

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