कांग्रेस को नहीं मिल रहे जिताऊ चेहरे

देहरादून। उत्तराखण्ड में नगर निकाय सीटों पर आरक्षण का मसला तय नहीं होने से कांग्रेस को प्रत्याशियों के चयन में खासी परेशानी पेश आ रही है। खासतौर पर आठ नगर निगमों के मेयर पदों के प्रत्याशियों के चयन को लेकर प्रमुख विपक्षी पार्टी में ऊहापोह बना हुआ है। निकाय चुनाव में दबदबा साबित करने के लिहाज से अहम माने जा रहे मेयर पद पर पार्टी जिताऊ चेहरों पर दांव खेलने के पक्ष में है। फिलवक्त ऐसे में पूर्व मंत्रियों व पूर्व विधायकों के दावों पर ज्यादा गौर किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह इससे चिंतित हैं।
विधानसभा चुनाव के बाद उपजी निराशा से उबरने को कांग्रेस पर निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन का दबाव है। इसे देखते हुए पार्टी पूरी शिद्दत से तैयारियों में जुटी है। राज्य में आठ नगर निगम, 41 नगरपालिका परिषद और 43 नगर पंचायत हैं। भाजपा सरकार कई ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों के दायरे में लाकर निकायों की संख्या में बड़ा इजाफा कर चुकी है।

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