राज्यपाल व मुख्य सचिव से की शिकायत, उच्च स्तरीय जांच की मांग
देहरादून, । वन विभाग के झाजरा रेंज के एक अधिकारी पर क्षेत्र के कुछ लोगों ने खनन कार्य से जुड़े लोगों से वन प्रहरियों से अवैध वसूली कराने का आरोप लगाया है। क्षेत्रवासियों ने इसकी शिकायत राज्यपाल, मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों से भी की है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि झाझरा रेंज के इस अधिकारी ने पहले अपने परिचितों को वन प्रहरी के पद पर अस्थायी नियुक्ति दी और फिर उनको वर्दी पहनाकर और रिवाल्वर देकर खनन कार्य से जुड़े लोगों से अवैध वसूली कराई जा रही है। इस अधिकारी पर पहले भी इस तरह के कई आरोप लग चुके हैं और तीन बार तबादला भी हो चुका है लेकिन इस अधिकारी ने नियमों को ताक पर रखकर अपना तबादला रूकवा दिया। देहरादून जिले में वन विभाग की झाझरा रेंज में कोरोना काल के दौरान कुछ वन प्रहरियों को अस्थायी रूप से नियुक्त किया गया था। इनका कार्य जंगलों में हो रहे अवैध पातन रोकना, जगलांे में लगी आग को बुझाना और साथ ही साथ वन्य जीवों की रक्षा करना होता है। ये कर्मचारी पूरी तरह से अस्थायी होते हैं। रेंज के इस अधिकारी ने अपने द्वारा नियुक्त किए गये वन प्रहरियों को बाकायदा वर्दी भी उपलब्ध करायी है और साथ ही इनके रिवाल्वर भी दिया गया है। इनके द्वारा स्थानीय लोगों को डरा धमका कर उनसे अवैध वसूली की जाती है। इनके वर्दी पहनकर रिवाल्वर लगाए हुए फोटो सोसल मीडिया पर वाइरल भी हो रहे हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि देहरादून के झाझरा रेंज में सन् 2018 से कार्यरत इस अधिकारी द्वारा टोंस नदी, सिंगनीवाला नदी, सोरणा नदी को अपनी रेंज में बताकर अवैध वसूली कराई जा रही है। टोंस नदी में सिंगनीवाला और बंसीवाला के पास नदी का पट्टा खुला है इसे भी यह अपनी रेंज में बताकर ट्रैक्टर वालों एवं नदी के ठेकेदार व मुंशियों से मुंह मांगी रकम ली जा रही है। लम्बे समय से नदियों से खनन पर सरकार द्वारा रोक लगाई गई थी, फिर भी इस अधिकारी के द्वारा आस-पास की नदियों से जे.सी.बी व ट्रैक्टर द्वारा भारी मात्रा में खनन कराया गया है। इस अधिकारी का 2017 से 2022 के बीच तीन से चार बार ट्रॉंसफर भी हो चुका है फिर भी यह अधिकारी अपना ट्रांसफर रुकवा देता है। क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि इस अधिकारी की उच्च स्तरीय जांच करवाकर इसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।