देवस्थानम बोर्ड पर बोले सीएम त्रिवेंद्र
धार्मिक-सांस्कृतिक परंपराओं से छेड़छाड़ मकसद नहीं, जल्द नामित होंगे सदस्य
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देश दुनिया में धार्मिक व सांस्कृतिक परंपराओं का विशेष महत्व है। इन परंपराओं के साथ छेड़छाड़ करना सरकार का मकसद नहीं है। भविष्य की जरूरतों, यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है। राज्य गठन के 19 साल के बाद यह सबसे बड़ा सुधारात्मक निर्णय है।
सीएम आवास में प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री ने देवस्थानम बोर्ड पर हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया। कहा, बोर्ड का गठन करने के पीछे सरकार की जो इच्छा और भावना थी, उस पर न्यायालय ने मुहर लगाई है। बोर्ड बनने से आने वाले समय में चारधामों पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। सीएम ने कहा कि पंडा और तीर्थ पुरोहितों ने प्रदेश की परंपराओं का संरक्षण किया है। पंडा समाज और तीर्थ पुरोहितों के हकहकूकों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। सरकार उनके हितों को और सुरक्षित करेगी। इसके लिए यदि एक्ट में भी संशोधन करना पड़ा तो इस पर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय के फैसले को किसी की जीत हार से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। यह राजनीति का विषय नहीं है। सरकार और न्यायालय का निर्णय एक जैसा है। राजनीतिक कारणों से कोई बोर्ड का विरोध करता है तो यह उसकी सोच है। हमारे सामने राजनीति नहीं है, बल्कि पंडा पुरोहितों की चिंता है।
सीएम ने कहा कि वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व.नारायण दत्त तिवारी भी बोर्ड बनाना चाहते थे। किन्हीं कारणों से वे नहीं कर पाए। बोर्ड की जगह चारधाम विकास परिषद बनाया। राज्य गठन के 19 साल के बाद कैबिनेट ने देवस्थानम बोर्ड के गठन का फैसला लिया है।