राममंदिर परिसर में जीवंत होता दिखेगा त्रेतायुग

अयोध्या , । राममंदिर निर्माण के लिए आगामी 5 अगस्त को पीएम मोदी द्वारा भूमि पूजन पर सारे विश्व की निगाहें टिकी हुई हैं। दूसरी तरफ ट्रस्ट राममंदिर परिसर की संपूर्ण 70 एकड़ भूमि पर रामायणकालीन ढांचे से त्रेतायुग का अहसास कराने की तैयारी में है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भगवान श्रीराम के समय की पौराणिकता का अहसास हो इसके लिए ट्रस्ट योजना बनाने में जुटा है। मंदिर परिसर को इस तरह सजाया जाएगा कि यहां त्रेता युग जीवंत प्रतीत होता दिखेगा।अभी राममंदिर के भूमि पूजन की तैयारी चल रही है। मणिराम दास की छावनी व राममंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास बताते हैं कि भूमि पूजन पूरा विश्व देखे। इसकी भी तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि राममंदिर परिसर को रामायण कालीन दृश्यों से सजाया-संवारा जाएगा। राममंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी। 21 नक्षत्रों के वृक्ष लगाए जाएंगे। नक्षत्र वाटिका बनाने का मकसद है कि लोग अपने अपने जन्मदिन पर अपने नक्षत्र के हिसाब से पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा सकें और राममंदिर परिसर में पूजा अर्चना कर सकें। राममंदिर परिसर में वाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा। वह बताते हैं कि मंदिर परिसर में गोशाला, धर्मशाला सहित भगवान श्रीराम का भव्य म्यूजियम भी बनेगा। वहीं विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज बताते हैं कि भूमि पूजन समारोह की स्मृति को संरक्षित करने के लिए एक ताम्रपत्र भी तैयार किया जा रहा है।राममंदिर का भूमि पूजन आपदा विनाशक होगा। कोरोना संक्रमण के बीच ऐसा संयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली और राम मंदिर के भूमि पूजन के मुहूर्त के अध्ययन के बाद सामने आया है। ज्योतिषियों के अनुसार अभिजीत मुहूर्त एवं शोभन योग में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जाएगी जिसके बाद आपदा का विनाश होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री की प्रत्यंतर दशा के कारण भूमि पूजन के साथ ही देश का सौभाग्य भी उदित होगा। भारत की खुशहाली और सनातन अभ्युदय का भी संयोग बन रहा है।

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