भाजपा का डबल इंजन पर ही मिशन 2019 का दारोमदार

देहरादून : उत्तराखंड में मिशन 2019 के लिए दारोमदार एक बार फिर डबल इंजन पर ही रहने वाला है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इशारों में ही सही, इसे तकरीबन साफ कर दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे को ही आगे बढ़ाने जा रहे हैं। ऑलवेदर रोड हो या ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन योजना के साथ ही उत्तराखंड में केंद्र की पोटली में तकरीबन एक लाख करोड़ की योजनाओं का जिक्र कर डबल इंजन को लेकर बंधी उम्मीदों को बरकरार रखा है।

मोदी लहर के बूते उत्तराखंड में भाजपा को मिले भारी जनसमर्थन के पीछे जन अपेक्षाओं का भी उन्होंने पूरा ख्याल रखने की कोशिश की। उन्होंने भाजपा प्रदेश की जनता को पाई-पाई का हिसाब देगी।

डबल इंजन, भ्रष्टाचार का खात्मा और विकास की नई सोच के जिस एजेंडे को चुनाव में धार देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय आंदोलन और धाराओं से जुड़े उत्तराखंड की सियासत में नई इबारत लिखी, उसे थामकर ही भाजपा नेतृत्व मिशन 2019 के लिए आगे बढ़ेगा।

विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी जनसभाओं में केंद्र की तर्ज पर उत्तराखंड में भी भाजपा सरकार बनाने के जनता से  अपील की थी, ताकि राज्य में केंद्र और राज्य की सरकारों के डबल इंजन से तेजी से विकास कार्य हो सकें। ये मोदी लहर और मोदी के डबल इंजन पर जोर देने का ही कमाल रहा कि तकरीबन 17 साल के वक्फे में उत्तराखंड ने पहली बार राजनीतिक अस्थिरता के दौर से पल्ला झाड़कर दल विशेष के लिए अपना भरपूर समर्थन उड़ेल दिया।

भाजपा और खासकर मोदी के शाह ने राज्य की इस नब्ज पर पकड़ बनाए रखने के संकेत दिए हैं। सरकार और प्रदेश संगठन की मॉनीटरिंग के नाम पर शिकंजा कसे रखने की पार्टी हाईकमान की परंपरागत रणनीति से अलग हटकर शाह ने अपनी नजरें सिर्फ लक्ष्य पर केंद्रित रखी हैं। यह लक्ष्य है हर हाल में भाजपा का विस्तार और इसकी अगली कड़ी में लोकसभा के आगामी चुनाव में राज्य की पांचों सीटों पर दोबारा जीत हासिल कर भाजपा को अपने बूते ही बहुमत तक पहुंचाना।

यही वजह है कि शाह ने अपने दो दिनी दौरे के व्यस्त कार्यक्रमों में प्रदेश सरकार और संगठन के आला पदाधिकारियों से ज्यादा तरजीह पार्टी के आम कार्यकर्ताओं का दिल जीतने और ओपिनियन मेकर्स प्रबुद्ध लोगों के दिलों तक मोदी के एजेंडे की दस्तक बनाए रखने में पूरी ताकत झोंकी।

शाह की मौजूदा दौरे पर अपनाई गई रणनीति की खासियत यह भी रही कि उन्होंने विधायकों और मंत्रियों के साथ ही संगठन में बड़े ओहदेदारों से भी निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं की तरह फीडबैक लिया।

वहीं क्षेत्र के उद्यमियों, शिक्षाविदों, अधिवक्ताओं समेत तमाम प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात और उन्हें समझने-समझाने को तवज्जो दी। भाजपा के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में बूथों पर पार्टी के लिए अलख जगाने वाले विधानसभा विस्तारकों, पालकों के साथ ही जिलाध्यक्षों, जिला प्रभारियों, कोर ग्रुप, प्रांतीय पदाधिकारियों, विभिन्न मोर्चों-प्रकोष्ठों के नुमाइंदों और फिर मंडल स्तर के पदाधिकारियों के साथ शाह ने सीधे संवाद कर यह भी संकेत दे दिए कि प्रदेश सरकार और संगठन को भी इस फीडबैक की कसौटी पर कसा जाएगा।

साथ ही यह भी साफ कर दिया कि भाजपा के अश्वमेध यज्ञ के रथ को थाम आगे बढ़ रहे शाह के अर्जुन पार्टी के कार्यकर्ता ही हैं। इनके बूते ही भविष्य की सियासत में फतह की नई पटकथा लिखने का पार्टी का इरादा है।

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