चुनाव अभियान को सामूहिक नेतृत्व से मजबूत कर रही भाजपा

नई दिल्ली । उत्तराखंड में मौजूदा विधानसभा में अपने तीसरे मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा चुनावों का सामना करने जा रही भाजपा का प्रचार अभियान कमल निशान पर केंद्रित रहेगा। पार्टी नहीं चाहती है कि यहां पर चेहरे के नाम पर चुनाव लड़ा जाए। उसे कमल निशान और सामूहिक नेतृत्व में ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है। उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच लगभग सीधी लड़ाई है। ऐसे में नेतृत्व से ज्यादा दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी होती है। चूंकि भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अभी नए हैं, ऐसे में वह उन पर न तो ज्यादा बहुत दबाब डालना चाहती है और न ही उनके चेहरे पर बड़ा दांव लगाने जा रही है। दरअसल कांग्रेस अपने बड़े नेता हरीश रावत को आगे कर रही है और उसकी कोशिश है कि चुनाव धामी बनाम हरीश रावत हो, जिसमें हरीश रावत भारी पड़े। भाजपा कांग्रेस की इस चाल को समझ रही है और वह इसकी काट के लिए अपने चुनाव अभियान को सामूहिक नेतृत्व से मजबूत कर रही है और कमल निशान को अपने अभियान का केंद्र बना रही है।भाजपा यह रणनीति अन्य विधानसभा चुनावों में भी अपना चुकी है, जिसमें उसे सफलता भी मिली है। उत्तराखंड में तो भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एकदम नए हैं और उनको अभी अपनी नेतृत्व क्षमता भी साबित करनी है। ऐसे में पार्टी चुनावी जीत के लिए सभी नेताओं को एकजुट कर मैदान में उतरेगी। साथ ही धामी के नए चेहरे का लाभ उठाने की कोशिश करेगी। सूत्रों के अनुसार भाजपा को पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है, जबकि मैदानी और तराई के क्षेत्रों में मौजूदा राजनीतिक हालातों में थोड़ा-बहुत नुकसान हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *