‘भगवान नहीं, धरती पर बोझ है बाबा रामरहीम…’

रुद्रपुर : धीमरी ब्लॉक गांव। ऊधमसिंह नगर(रुद्रपुर) जिला मुख्यालय से करीब 26 किमी दूर। जहां डेरा सच्चा के बाबा राम रहीम के प्रति इतनी भक्ति कि धरती पर भगवान माना जाता था। उनकी एक अपील पर यहां के भक्त गरीब होने के बावजूद पंचकूला तक दौड़ लगाते थे लेकिन बाबा पर लगे यौनशोषण के आरोप और उसकी सुनवाई में आरोप सिद्ध होने के बाद बाबा को 20 साल सजा की सजा ने इन भक्तों की भक्ति को झकझोर कर रख दिया। यह लोग तब और टूट गए जब बाबा के एक अंधभक्त चंद्रपाल का शव मंगलवार को गांव पहुंचा।

बेहद गरीब चंद्रपाल यहां से भीड़ के साथ पंचकूला गया था, जहां गोली लगने से उसकी मौत हो गई। उसका परिवार जहां उसके लिए बिलख रहा था तो गांव वालों की भी आंखें नम थीं। ग्रामीणों की आंखों में यह नमी उसकी मौत से तो थी ही, यह सोचकर और ज्यादा थी कि अब इसके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा? जागरण टीम ने बाबा के प्रति आस्था रखने वाले अनुयायियों से बात की तो उनके तीखे जवाबों ने जागरुकता की मिसाल पेश की। प्रस्तुत है बातचीत के अंश…

ग्रामीण सुरेंद्र कुमार का कहना है कि बाबा गुरमीत राम रहीम पर बात मत कीजिए, साहब…। ऐसा घिनौना बाबा निकलेगा, यह सोचा भी नहीं था। हमारा गांव तो उसमें बहुत आस्था रखता था। गरीब होने के बावजूद हम लोग कई बार बाबा के सत्संग में दूर-दूर तक गए। लेकिन घिनौने कृत्य ने आंखें खोल दीं। अब देखें चंद्रपाल के परिवार को डेरा सच्चा वाले पाल तो दें। उससे अब विश्वास उठ गया है।

मृतक का भाई समर पाल का कहना है कि चंद्रपाल बाबा को मानता था। उनके सत्संग को छोड़ता ही नहीं था। कई बार जरूरी काम तक छोड़कर चला जाता था। पर उस भक्ति ने परिवार को क्या दे दिया, अब बेसहारा परिवार किसके भरोसे जीवनयापन करेगा। साहब जी, यहां तो लोग अब उनका नाम लेने से भी कतरा रहे हैं।

2014 के बाद बने बाबा के अनुयायी

ग्रामीणों के मुताबिक वर्ष 2013-14 में बाजपुर में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का सत्संग हुआ था। उसके बाद दिनेशपुर क्षेत्र में बाबा के अनुयायियों की संख्या बढ़ाने के लिए उनके भक्तों ने दिनेशपुर क्षेत्र में शिविर लगाया था। इसके बाद ग्राम धीमरी ब्लॉक के 100 से अधिक लोग बाबा के अनुयायी बन गए थे। अक्सर उनके सत्संग में जाया करते थे।

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