गांव-गांव मोबाइल-इंटरनेट अटल बिहारी बाजपेई की देनः योगी अादित्यनाथ

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजाद भारत में विकास की नींव कैसे रखी जानी चाहिए, इसकी राह पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी ने दिखाई। गांव का विकास हो सकता है, यह देश ने तब जाना जब 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने गांवों को पक्के मार्गों से जोड़ा। उन्हें जब सत्ता मिली, तब देश राजनीतिक अस्थिरता से गुजर चुका था। राष्ट्र की राजनीति को स्थायित्व व बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम अटल ने ही किया।

सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री के 93वें जन्मदिन पर लखनऊ में पहली बार आयोजित अटल गीत गंगा कार्यक्रम में योगी ने कहा कि गांव-गांव में मोबाइल-इंटरनेट पहुंचाने के सपने को अटल बिहारी ने ही पूरा किया है। वह 1998 से 2004 के मध्य करीब छह साल प्रधानमंत्री रहे। उस कार्यकाल में गरीबों व किसानों के लिए बनाई गई योजनाओं के जरिये ही कांग्रेस सरकार ने अगले दस सालों तक राज किया। परमाणु परीक्षण से लेकर देश को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने का जो सार्थक प्रयास उनकी सरकार में हुआ, वह 1947 से हुआ होता तो भारत अब तक महाशक्ति के रूप में खड़ा होता। योगी ने संसद से जुड़े अटल विहार के कई अनुभव भी साझा किए। कहा कि वह अद्भुत व्यक्तित्व हैं। संसद में पक्ष-विपक्ष के सभी नेता उनका सम्मान करते थे। पक्ष-विपक्ष में चाहे कितनी कड़वाहट हो, अटल बिहारी का एक वक्तव्य उसे मिठास में बदलने की क्षमता रखता था।

मुंबई की दीप कमल फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक ने राजनीतिक जीवन में अटल विहार के साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि वह छोटे से लेकर बड़े सभी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखते थे और बराबर सम्मान करते थे। संसदीय प्रणाली में उनका दृढ़विश्वास था। विपक्ष में रहकर भी अच्छा काम किया। राज्यपाल ने कहा कि मौके पर बात कहने की कला उन्हें आती थी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने उनके भाषणों का संकलन व अंग्रेजी में अनुवाद करने वाले तथा उनके बेहद करीबी रहे डॉ.एनएम घटाटे को पुनेरी पगड़ी व अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया।

इस अवसर में एक स्मारिका का विमोचन भी किया। समारोह में फिल्म कलाकार रवि किशन, राजपाल यादव, फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी, अभिनेत्री नीतू चंद्रा, कवियित्री कविता तिवारी ने अटल विहारी की कविताओं व गीतों को अपने अंदाज में श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने सभी कलाकारों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व सांसद लालजी टंडन, मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, स्वतंत्र देव सिंह, डॉ. महेंद्र सिंह, बृजेश पाठक, आशुतोष टंडन, मुकेश शर्मा, दीप कमल फाउंडेशन के अध्यक्ष अमरजीत मिश्रा व अन्य लोग मौजूद थे।

तहरी भोज में उड़ी यादों की खुशबू
लखनऊ में सोमवार को अटल विहारी के जन्म दिन के मौके पर कुडिय़ा घाट पर तहरी भोज का आयोजन हुआ। जहां पूर्व प्रधानमंत्री की यादों की खुशबू उड़ी तो भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बिताए पलों को एक दूसरों में बांटकर यादें ताजा की। भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा के संयोजन में आयोजित संगोष्ठी में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने उन्हें याद कर माहौल को उनके रंग में रंगने का सफल प्रयास किया। पूर्व सांसद लालजी टंडन ने भी उनके साथ बिताए पलों को साझा किया।

प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री के भाषणों का जिक्र करके कार्यकर्ताओं में जोश भरा। विधि एवं न्यायमंत्री ब्रजेश पाठक ने पूर्व प्रधानमंत्री की कविताओं से बहुत कुछ सीखने की बात कही। भाजपा नगर महामंत्री पुष्कर शुक्ला ने बताया कि तहरी भोज में विधायक सुरेश श्रीवास्तव, पूर्व विधायक सुरेश तिवारी, पूर्व पार्षद हरसरन लाल गुप्ता, साकेत शर्मा, धमेंद्र तिवारी, विष्णु त्रिपाठी ‘लंकेश, अनिल कुमार व कृष्णानंद राय के अलावा रंजना मिश्र सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए।

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