केदारनाथ यात्रा शुरू होते ही घोड़े-खच्चर संचालकों की मनमानी शुरू

रुद्रप्रयाग,। केदारनाथ यात्रा शुरू होते ही घोड़े-खच्चर संचालकों की मनमानी शुरू हो गई है। घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन न होने के कारण मनमाने दाम तीर्थ यात्रियों से वसूले जा रहे हैं। अभी तक दो से ढाई हजार घोड़े-खच्चरों के ही रजिस्ट्रेशन हो पाये हैं। जबकि प्रत्येक दिन केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या आठ से दस हजार है। ऐसे में तीर्थ यात्रियों को घोड़े-खच्चर भी नहीं मिल पा रहे हैं। जिन्हे मिल रहे हैं, वह यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। पैदल मार्ग पर दोनों ओर घोड़े-खच्चर चल रहे हैं, जिस कारण पैदल चलने वाले तीर्थ यात्रियों को रास्ते पर चलने की जगह नहीं मिल पा रही है। केदारनाथ यात्रा शुरू होते ही घोड़े-खच्चर संचालकों की मनमानी शुरू हो गई है। घोड़े-खच्चर संचालक मनमाने तरीके से पैदल मार्ग पर आवाजाही कर रहे हैं। कई बार घोड़े-खच्चर आपस में टकरा रहे हैं, जिससे यात्रियों को चोटें भी लग रही हैं। पैदल मार्ग पर दोनों ओर से घोड़े-खच्चर चल रहे हैं, जिससे जो यात्री पैदल चल रहे हैं, उन्हें चलने की जगह नहीं मिल पा रही है। स्थिति यह है कि कभी-कभार तो यात्री बीच में ही फंस जा रहे हैं, जिससे यात्रियों को चोट लगने का खतरा भी बना हुआ है। पहले ही दिन कई तीर्थ यात्री चोटिल हो चुके हैं। केदारनाथ यात्रा पर इस बार भारी संख्या में तीर्थ यात्री उमड़ रहे हैं। पहले ही दिन 25 हजार तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंचे। अधिकांश यात्रियों को घोड़े-खच्चर नहीं मिल पाये। जिन यात्रियों को मिले भी, उन्होंने यात्रियों से दोगुने दाम वसूले। प्रत्येक दिन केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों की संख्या आठ से दस हजार है, लेकिन अभी तक मात्र दो से ढ़ाई हजार घोड़े-खच्चरों के रजिस्ट्रेशन हो पाये हैं। जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं। घोड़े-खच्चर संचालक मनमाने तरीके से घोड़े-खच्चरों को हांक रहे हैं। यात्रियों की सुविधा का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। दो-दो घोड़े-खच्चरों को एक ही व्यक्ति हांक रहा है, जिससे अधिक दिक्कतें हो रही हैं। पैदल मार्ग से आवाजाही करने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिये प्रशासन घोड़े-खच्चरों की संख्या को बढ़ाना चाहिये। साथ ही प्रत्येक घोड़े-खच्चर का रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है, जिससे घोड़े-खच्चर संचालक यात्रियों से मनमाने दाम न वसूले। कई बार घोड़े-खच्चर संचालक पूरा किराया लेकर यात्रियों को आधे रास्ते में छोड़ देते हैं। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भी स्वीकार किया कि पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर संचालक की शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि अभी कम मात्रा में रजिस्ट्रेशन हुये हैं। सभी घोड़े-खच्चरों के रजिस्ट्रेशन किये जा रहे हैं। पैदल मार्ग पर जगह-जगह घोड़े-खच्चरों की चेकिंग भी की जायेगी, जिससे कोई दिक्कतें न हो।

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