अनुच्छेद 370 और 35ए को पाक द्वारा एक शस्त्र की तरह किया जाता था इस्तेमाल: PM

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया । उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने को ऐतिहासिक बताया। टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के संदर्भ में दो अनुच्छेदों का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिये, पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह इस्तेमाल किया जाता था। मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इसके कारण तीन दशक में राज्य में 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वह संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ कालखंड के लिये जम्मू कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला काफी सोच समझकर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो अब दूर हो गई है।प्रधानमंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें। उन्होंने कहा कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है। मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था। उससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी। हैरानी की बात ये है कि किसी से भी बात करें, तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ।

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