इलाहाबाद हाई कोर्ट अपने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट अपने ही आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। रजिस्ट्रार जनरल की ओर से याचिका दाखिल कर हायर ज्युडिशियल सर्विस के न्यायिक अधिकारियों की वरिष्ठता सूची रद करने के आदेश को चुनौती दी है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 जून 2017 को प्रदेश की उच्च न्यायिक सेवा (हायर ज्युडिशियल सर्विस) के प्रमोटी और सीधी भर्ती के अधिकारियों की वरिष्ठता सूची रद कर दी थी। हाई कोर्ट ने प्रशासनिक छोर को नए सिरे से वरीयता सूची बनाने का आदेश दिया था।
– हायर ज्युडिशियल सर्विस के अफसरों वरिष्ठता सूची खारिज करने के आदेश को दी चुनौती
– सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
उस आदेश के बाद से आज की तारीख में उच्च न्यायिक सेवा के अधिकारियों की कोई वरिष्ठता सूची नहीं है। इससे न्यायिक अधिकारियों को न तो जिला अदालतों और न ही हाई कोर्ट में प्रोन्नत किया जा सकता है। इस समय उत्तर प्रदेश में 16 जिला अदालतों में पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा परंपरा के मुताबिक हायर ज्युडिशियल सर्विस के एक तिहाई न्यायिक अधिकारी हाई कोर्ट में प्रोन्नत होते हैं। इस हिसाब से हाई कोर्ट में भी करीब 14 न्यायिक अधिकारियों की प्रोन्नति रुकी पड़ी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से दाखिल याचिका में उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध करते हुए कहा गया है कि वरिष्ठता सूची और चिन्हित रिक्तियों को अंतिम रूप दिया जा चुका था। ऐसे मेें इसे रद किया जाना उचित नहीं है। कहा गया है कि वरिष्ठता सूची और रिक्तियों का निर्धारण नियमों के मुताबिक किया गया था। याचिका में वरिष्ठता सूची तय करने को लेकर लंबा ब्योरा दिया गया है। शीर्ष न्यायालय से हाई कोर्ट का आदेश रद करने की गुहार लगाई गई है। मालूम हो, प्रोन्नति और रिक्तियों का यह विवाद सिर्फ 2009 तक की रिक्तियों का हैं।