900 करोड़ देने पर निशंक ने दिया धन्यवाद

नई दिल्ली/देहरादून, । सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति, सांसद हरिद्वार डाॅ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने आज लोक सभा में  देश में पेयजल की गिरती गुणवत्ता पर चिंता प्रकट करते हुए पेयजल मंत्री से पूछा कि देश में प्रदूषित पेयजल की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा क्या परीक्षण तंत्र स्थापित किया गया है। डा0 निशंक ने पूछा कि कितनी अवधि के पश्चात् जल नमूनों का परीक्षण होता है। डा0 निशंक ने ने यह भी जानना चाहा कि क्या देश की प्रयोगशालाएं पूरी तरह से सुसज्जित है और क्या उसमें पूर्ण प्रशिक्षित स्टाॅफ है ? अपने उत्तर में में पेयजल मंत्री ने बताया कि आवंटित बजट का 03 प्रतिशत भाग गुणवत्ता नियंत्रण के लिए प्रयुक्त होता है। राज्य, जिला, ब्लाॅकस्तरीय एवं मोबाइल मिलाकर कुल 2230 प्रयोगशालाएं है। पेयजल मंत्री ने डा0 निशंक की चिंता को जायज ठहराते हुए आगे बताया कि सरकार ने समरूपी पेयजल गुणवत्ता माॅनीटरिंग प्रोटोकोल भी प्रकाशित किया गया है। पेयजल मंत्री ने प्रयोगशालाओं में भारी धातु, कीटनाशक जैसे विशिष्ट संदूषणों की निगरानी पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम के तहत देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।

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