6 से अधिक तीव्रता का भूकंप आया तो 15 सेकेंड में तबाह हो जाएगी दिल्ली
नई दिल्ली। एक बार फिर शुक्रवार तड़के तकरीबन 4.26 बजे भूकंप के झटकों से दिल्ली-एनसीआर हिल गया। इसके साथ ही हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
यूएस जिअलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 4.7 मापी गई है। भूकंप का केंद्र हरियाणा के गोहाना में जमीन से 22 किलोमीटर नीचे था। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए।
गौरतलब है कि भारतीय उपमहाद्वीप में उत्तर-पूर्व के सभी राज्य, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से सीसमिक जोन-5 में आते हैं, जबकि उत्तराखंड के कम ऊंचाई वाले हिस्से, उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से और दिल्ली सीसमिक जोन-4 में आते हैं।
बार-बार आ रहे भूकंप के झटके इस बात के सबूत हैं कि किसी-न-किसी दिन दिल्ली को भयावह भूकंप का सामना करना पड़ेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, 6 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप को दिल्ली झेल नहीं सकेगी और केवल 15 सेकेंड भी भारी तबाही के लिए काफी हो सकते हैं।
दिल्ली को है ज्यादा खतरा
दिल्ली एनसीआर सीसमिक जोन 4 में आते हैं जो कि भूकंप के खतरे से बाहर नहीं है। यही वजह थी कि दिल्ली में बहुमंजिली इमारतें नहीं बनाई जाती थीं।
अब ऊंची ऊंची गगनचुंबी इमारतें भूंकप के खतरे को देखते हुए बेहद डरावनी नजर आती हैं। पूरा दिल्ली-एनसीआर का इलाका नियम कायदों को ताक पर रखे गए निर्माण की वजह से भूकंप के खतरों के करीब आ चुका है।
हाल ही में एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि हिमालय में एक बड़ा भूकंप आना तय है। हिमालय की हलचल वाली रेंज से दिल्ली केवल ढाई सौ किमी दूर है। अगर हिमालय में 7-8 की तीव्रता का भूकंप आता है तो फिर दिल्ली में तबाही को कोई नहीं रोक सकता।