संतों की घोषणा, छह दिसंबर 2018 तक बनेगा राम मंदिर

हरिद्वार : संतों ने घोषणा की है कि अयोध्या में 6 दिसंबर 2018 तक राम मंदिर का निर्माण कर दिया जाएगा। विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल बैठक में भाग लेने हरिद्वार पहुंचे संतों की ओर से मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने की।

योग गुरु बाबा रामदेव, महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी, जगद्गुरु वासुदेवानंद सहित तमाम संतों ने इसका समर्थन किया।

चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) से बैठक में भाग लेने आए मार्ग दर्शक मंडल के मुख्य सदस्य जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बैठक में प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान इसकी घोषणा की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में योग गुरु बाबा रामदेव ने रामभद्राचार्य की घोषणा का समर्थन करते हुए कहा कि राम मंदिर हिंदू आस्था का विषय है, न कि भूमि विवाद का।

उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के शिखर पुरूष की जन्म स्थली को लेकर न तो कोई विवाद है और न इसे किसी विवाद में ही उलझाया जा सकता है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि राम मंदिर अपने तय समय पर ही बनेगा।

कश्मीर समस्या का समाधान पराक्रम : बाबा रामदेव

योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि कश्मीर समस्या के समाधान का एकमात्र रास्ता पराक्रम है। उन्होंने कहा कि हमें पराक्रम से ही जवाब देना होगा। योगगुरु बाबा रामदेव विहिप केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद गुरुवार शाम पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

गोवध पर आजीवन कारावास की सजा का हो प्रावधान

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक में गोवध पर प्रतिबंध के लिए आजीवन कारावास की सजा की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के साथ ही मठ-मंदिरों के अधिग्रहण का भी विरोध किया गया।

हरिद्वार के श्रीकाष्र्णि आश्रम में आयोजित  बैठक के दूसरे दिन अध्यक्षता पद्मविभूषण रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि भारत में गोहत्या पूर्णरुप से प्रतिबंधित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में आज भी इसके लिए कड़े कानूनों का अभाव है।

संतों को ओर से मांग की गई कि केंद्र सरकार गोहत्या के लिए कानून बनाए। एक अन्य प्रस्ताव में संतों ने गंगा के निरंतर प्रदूषित होकर इसके जल के आचमन योग्य न रहने पर ङ्क्षचता जाहिर की। कहा गया कि पहाड़ों पर बांध बनानने से गंगाजल के अमृत तत्व कम हो रहे हैं। बांध बनाने पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई।

राज्य सरकारों द्वारा मठ मंदिरों के अधिग्रहण पर भी आक्रोश व्यक्त किया गया। संतों ने चेतावनी दी कि सरकारें ऐसा कार्य न करें।

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संतों का आशीर्वाद लिया और कहा कि संतो के आशीष से ही भारत विश्व गुरु बनेगा। इससे पहले विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और संगठन महामंत्री दिनेश चंद्र ने संतों का स्वागत किया।

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