कश्मीरी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा भरेंगे कर्नल कोठियाल

उत्तरकाशी : युवाओं में देश सेवा का जज्बा भरने और सेना में भर्ती के लिए उन्हें पूरी तरह फिट बनाने का काम करने वाले यूथ फाउंडेशन ने नई पहल की। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करने के साथ उन्हें सेना में भर्ती होने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

प्रशिक्षण के लिए घाटी के उरी क्षेत्र के दो युवा उत्तरकाशी पहुंच चुके हैं। जबकि, उरी क्षेत्र के आठ अन्य युवा जल्द पहुंचेंगे। निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि यह प्रयास घाटी के युवाओं में देश भक्ति का जज्बा भरने के लिए किया जा रहा है। ताकि वहां के अधिक से अधिक युवा सेना से जुड़ें और वहां कोई आतंकियों को पनाह न दे सके।

निम के प्रधानाचार्य कर्नल कोठियाल की प्रेरणा से बना यूथ फाउंडेशन पिछले तीन साल से युवाओं को सेना भर्ती के लिए तैयार कर रहा है। यूथ फाउंडेशन से प्रशिक्षण लेने के बाद गढ़वाल व कुमाऊं के 2200 युवा सेना में भर्ती हो चुके हैं।

अब यूथ फाउंडेशन जम्मू-कश्मीर के युवाओं में देशभक्ति का जज्बा भरने और सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करने में जुट गया है। कर्नल कोठियाल की पहल पर घाटी के उरी क्षेत्र में तैनात चौथी गढ़वाल के अधिकारियों ने भारत-पाक सीमा पर बारामुला व उरी क्षेत्र के मुस्लिम युवाओं को सेना में आने के लिए प्रेरित किया।

20 सितंबर को उरी के दो मुस्लिम युवा मोहम्मद शफतफ व मोहम्मद तारीख उत्तरकाशी पहुंचे और यहां कवां में चल रहा यूथ फाउंडेशन का कैंप ज्वाइन किया। दसवीं पास 21 वर्षीय मोहम्मद शफतफ ने बताया कि उरी क्षेत्र में स्थानीय लोगों की आतंकवादियों से सेना ही हिफाजत करती है। इसलिए वह भी सेना का हिस्सा बनना चाहता है।

नवंबर में जम्मू-कश्मीर में सेना की भर्ती होनी है। इसके लिए वह यहां प्रशिक्षण कैंप में आया है। दसवीं पास 22 वर्षीय मोहम्मद तारीख ने बताया कि सेना में भर्ती होने के बाद वह अपने क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी सेना में आने के लिए प्रेरित करेगा। कैंप में पहुंचकर कर्नल कोठियाल ने युवाओं की हौसलाफजाई की। उन्होंने युवाओं को मेहनत एवं लगन से प्रशिक्षण लेने की सलाह दी।

दुश्मन को सबक सिखाना है ध्येय

कवां कैंप में सेना भर्ती के लिए प्रशिक्षण लेने आए उरी क्षेत्र के मोहम्मद शफतफ ने बताया कि उनका इलाका आतंकवाद से बेहद त्रस्त है। 1993 में सीमा पार से हुई गोलाबारी की चपेट में उनके पिता नेक मोहम्मद भी आ गए थे। पास ही गोला फटने से उन्हें अपना एक पैर गंवाना पड़ा। दुश्मन को सबक सिखाने के लिए ही घाटी के युवा सेना में भर्ती होना चाहते हैं।

जारी रहेगी पहल 

कर्नल अजय कोठियाल के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित किया जाएगा। आठ युवा जल्द ही उत्तरकाशी पहुंचने वाले हैं। इसके अलावा 20 से 25 युवा हमारे संपर्क हैं। यह पहल आगे भी जारी रखी जाएगी।

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