सीएम हरीश रावत ने बाबा केदार की डोली को कंधा देकर केदारनाथ से विदा किया

रूद्रप्रयाग/देहरादून,। प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत आज केदारनाथ कपाट बन्द होने के अवसर पर केदारनाथ धाम पहुंचे। लगभग 7ः30 बजे मुख्यमंत्री केदारनाथ हैलीपैड पर पहुंचे, जिसके बाद वह मंदिर में गए। कपाट बंद होने के बाद मुख्यमंत्री ने डोली को अपने कंधे पर रखकर भोले बाबा को केदारनाथ धाम से विदा किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा की आपदा के एक बार फिर केदारनाथ यात्रा पटरी पर लौटने लगी है और हमारा जो मकसद था वह पूरा हुआ। कहा कि वर्ष 2017 मैं दुगनी संख्या मैं श्रद्धालु बाबा केदार के धाम आएंगे, इसके लिए सरकार और बेहतर व्यवस्थायें जुटाएगी। श्री रावत ने कहा की इस बार 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओ ने बाबा केदार के दर्शन किया, जो की सरकार की एक बड़ी सफलता है। कहा की प्रशासन पुलिस एनडीआरएफ सहित सभी यात्रा से जुड़े विभागों ने बेहतर कार्य किया और उसकी बदौलत आज केदारनाथ यात्रा फिर से पुराने स्वरूप मैं दिखी है।सीएम हरीश रावत ने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा की अगली यात्रा वह और अधिक संख्या में बाबा केदार के दर्शनों को आये, सरकार उन्हें हर बेहतर सुविधा मुहैया करवाएगी। कहा कि केदारनाथ धाम मैं चल रहे पुनर्निर्माण कार्यो को भी जल्द से जल्द पूरा किया जायेगा। साथ ही स्थानीय पुरोहितों और जनता की हर समस्या का निस्तारण किया जायेगा। उन्होंने कहा की अब शीतकाल के 6 माह सभी श्रद्धालु ओम्कारेश्वर मंदिर मैं भोले बाबा के दर्शनों को आएं और पुण्य अर्जित करें। यहां दर्शनार्थियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं जुटाई जाएंगी। मंदिर समिति इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजें। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शीतकाल में एक अभियान चलाकर ‘‘बद्रीगंगा धाम दर्शन योजना’’ जल्द ही प्रारम्भ की जाएगी। इसमें मुखोबा, हर्षिल टिहरी झील, औली व अन्य पर्यटन स्थलों को भी शामिल किया जाएगा। स्थानीय पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। उŸाराखण्ड में आंतरिक पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। ‘मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना’, ‘हिटो केदार’ के बाद ‘बद्रीगंगा धाम दर्शन योजना’ इसी क्रम में महत्वपूर्ण योजना होगी। वाही डोली विदाई के बाद सीएम हरीश रावत कुछ समय तक केदारनाथ मैं रुके और लोगों से मिले। उन्होंने निर्माण कार्यो का भी जायजा लिया। इस अवसर पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती, हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, जिलाधिकारी डॉ. राघव लांगर, पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा समेत भारी संख्या मैं श्रद्धालु मौजूद रहे।

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