सिद्धू की याचिका पर बन्द हुए हाईवे पर शराब के ठेके

माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि एक अप्रैल से शराब की दुकाने हाईवे से 500 मीटर की दूरी पर खोली जा सकेंगी , इस बात की चर्चा पूरे देश में हुयी लेकिन ऐंसा आदेश सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया इसके पीछे जिस शख्श की इच्छा शक्ति थी वो हैं सालों से व्हीलचेयर पर बैठे हरमन सिद्धू ।
47 वर्षीय सिद्धू की गाडी रेणुका हिमांचल प्रदेश से चंडीगढ़ जाते हुए पहाड़ी से नीचे गिर गयी थी और उमे सिद्धू को इतनी चोट आई थी कि उनका कमर से नीचे के हिस्से ने काम करना बन्द कर दिया था। अस्पताल में लेटे लेटे हरमन को एक ख्याल आया की एक रिसर्च की जाय , जिसमे हरमन ने पाया कि भारत में हर चौथे मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। रिसर्च के दौरान हरमन WHO की रिपोर्ट भी मिली जिसमे बताया गया की लगभग 30 से 35 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं शराब पीकर गाडी चलाने से होती हैं। हरमन ने 2012 में हरियाणा हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करदी जिसमे हाईवे के किनारे से सभी शराब की दुकानों को बन्द करने की अपील की गयी। आज पूरे देश में हरमन की उसी याचिका का असर दिख रहा है जिस कारण हाईवे की शराब की दुकानो पर ताले लगे हुए हैं। इस याचिका को दाखिल करने के बाद हरमन को कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ा, यहां तक की उनको फोन पर धमकियां तक दी गयी।

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