सरकारी अस्पताल की हालत बदहाल

हरिद्वार,। जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल जहाँ बदहाल हालत में हैं, वहीँ यहां आने वाले मरीज़ भी बेहाल है। डाॅक्टरों की कमी और अस्पताल में मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण मरीज़ ज़मीन और बेंचों पर लेटने को मजबूर हैं। इन अव्यवस्थाओं के बावजूद यहाँ आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
बरसात के शुरू होते ही हरिद्वार में बुखार, डायरिया आदि के मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो गयी है। ऐसे में बदहाल जिला अस्पताल में पहुँच मरीज़ बेहाल हैं. डाक्टरों का कहना है की इन दिनों बुखार, डायरिया आदि के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है। फिलहाल डेंगू के किसी मरीज़ की पुष्टि नहीं हुई है। जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल जहाँ बदहाल हालत में हैं, वहीँ यहां आने वाले मरीज़ भी बेहाल है. डाॅक्टरों की कमी और अस्पताल में मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण मरीज़ ज़मीन और बेंचों पर लेटने को मजबूर हैं। इन अव्यवस्थाओं के बावजूद यहाँ आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
बरसात के शुरू होते ही हरिद्वार में बुखार, डायरिया आदि के मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो गयी है। ऐसे में बदहाल जिला अस्पताल में पहुँच मरीज़ बेहाल हैं। डाक्टरों का कहना है की इन दिनों बुखार, डायरिया आदि के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है. फिलहाल डेंगू के किसी मरीज़ की पुष्टि नहीं हुई है.जिला अस्पताल में भीड़ के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बेड मिलना तो दूर मरीजों के पर्चे तक नहीं बन पा रहे हैं। वहीँ स्थानीय लोगों का कहना है की आये दिन यहाँ मेले लगते रहते हैं बावजूद इसके यहाँ प्रशासन ने कोई अतिरिक्त व्यवस्था नही की गयी है। बीमार मरीजों की आमद ज़्यादा होने के कारण न उनको भर्ती किया जा रहा है न ही पर्चे बन पा रहे हैं। भले सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रूपए खर्च करती हो लेकिन हरिद्वार में इन पैसों से मिलने वाली व्यवस्थाएं देखने को नहीं मिलती. ऐसे में शुरू हुए कावड़ मेले में जहाँ यात्री परेशान हो सकते हैं वहीँ प्रशासन की भी मुश्किल बढ़ सकती है।

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