सम्मेलन से पहले छिड़ी सियासी जंग

रानीखेत : भाजपा के ‘सबका साथ सबका विकास’ सम्मेलन से पहले सियासत गरमा गई है। सत्तापक्ष व विपक्ष में वाकयुद्ध छिड़ गया है। कांग्रेस ने सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल के बावजूद क्षेत्रीय विधायक को कार्यक्रम में आमंत्रित न किए जाने को नाक का सवाल बना लिया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट पर सवाल दाग सम्मेलन के विरोध का एलान किया है। वहीं भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत की घोषणाओं पर प्रश्नचिह्न लगा साफ किया है कि प्रशासन की ओर से विधायक व ब्लॉक प्रमुख को न्यौता दिया गया है, फिर विरोध किसलिए। बहरहाल, काले झंडे दिखाने की चर्चा व हंगामे की आशंका के मद्देनजर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है।

केंद्र की मोदी सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर सोमवार को एनसीसी मैदान में सम्मेलन होना है। पंडाल निर्माण व अन्य व्यवस्थाओं का जिम्मा एनएचपीसी को दिया गया है। इधर कार्यक्रम सरकारी है या भाजपा का निजी आयोजन, इस मुद्दे पर सियासी पारा सम्मेलन से ठीक एक दिन पहले चरम पर जा पहुंचा है। बीते रोज कांग्रेसियों ने आयोजन में सरकारी मशीनरी को लगाए जाने पर सवाल उठाया था। पूछा था कि यदि कार्यक्रम सरकारी है तो क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित क्यों नहीं किया गया। अगर निजी है तो सरकारी मशीनरी व करोड़ों के बजट का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा। कांग्रेसियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट पर भी सवाल दागा कि सरकारी कार्यक्रम में स्थानीय विधायक को बुलाना वह कैसे भूल गए। जिला महामंत्री अजय बबली ने बाकायदा सम्मेलन के विरोध का एलान भी किया है। उधर, भाजपा ने कांग्रेसियों के विरोध को हास्यास्पद करार दिया है। कहा कि सम्मेलन में क्षेत्रीय विधायक व ब्लॉक प्रमुख समेत सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। विरोध के लिए विरोध की सियासत के बजाय कांग्रेसी कार्यक्रम में पहुंच जनसमस्याओं के निस्तारण में सहयोग दें। अलबत्ता, सियासी गरमाहट के बीच हंगामे व काले झंडे दिखाए जाने की आशंका के मद्देजर पुलिस सतर्क हो गई है।

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पीएसी व तीन थानों से मंगाई फोर्स

सियासी गरमाहट के बीच सोमवार को भारी फोर्स तैनात रहेगा। कार्यक्रम स्थल व आसपास कानून व शांति व्यवस्था का जिम्मा पांच सब इंस्पेक्टर व तीन थानों के एसओ पर रहेगा। उनके साथ एक प्लाटून पीएसी, 15 कांस्टेबल व पांच महिला कांस्टेबल भी तैनात रहेंगी।

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एसडीएम व सीओ ने किया निरीक्षण

एसडीएम रजा अब्बास व सीओ कमलराम आर्या ने मातहतों के साथ एनसीसी मैदान का निरीक्षण किया। व्यवस्थाओं व तैयारी का जायजा लिया। साथ ही कांग्रेस के विरोध को देखते हुए चप्पे चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती पर मंथन भी किया। इस दौरान तहसीलदार नीतेश डागर, कोतवाल एससी जोशी, स्वच्छता निरीक्षण कैंट बोर्ड एपी सिंह आदि भी रहे।

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खेल मैदान पर भी रार

एनसीसी मैदान में सम्मेलन पर भी कांग्रेस व भाजपा आमने-सामने आ गई है। कांग्रेसियों ने कहा, भाजपा ने पहले रानीखेत में खेल मैदान पर वन भूमि का रोड़ा लगवाया। अब हॉकी व क्रिकेट के लिए तैयार किए गए मैदान पर पंडाल बना उसमें गड्ढे कर दिए गए हैं। इससे क्रीड़ा गतिविधियां ठप हो गई हैं। भाजपाइयों ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में सीएम हरीश रावत ने क्षेत्र में खेल मैदान आदि की घोषणाएं की, पर निर्माण न करा सके। कैंट स्कूल के मैदान का कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है।

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कार्यक्रम की सफलता में जुटे भाजपाई

भाजपा कार्यकर्ता बैठक की तैयारियों में जुटे रहे। इस मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष मदन मेहरा, जिला महामंत्री दर्शन सिंह बिष्ट, कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष मोहन नेगी, ध्यान सिंह नेगी, त्रिभुवन शर्मा, प्रदीप बिष्ट, ललित मोहन पांडे, मदन कुवार्बी, हंसादत्त बवाड़ी, विनोद भार्गव, विमल भट्ट, मुकेश फत्र्याल आदि मौजूद रहे।

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