सपा-कांग्रेस के गठबंधन में अभी भी फंसा है पेंच, सात सीटों पर टकराव

नई दिल्ली। लंबी जद्दोजहद के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश चुनाव साथ में लड़ने की घोषणा कर दी है। सपा 298 तो कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मगंलवार को पहले दौर के लिए नामाकंन भी खत्म हो चुके हैं लेकिन गंठबंधन पर पेंच अभी भी फंसा हुआ नजर आ रहा है। सात सीटों पर कांग्रेस और सपा आने-सामने हैं जो गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।

अलीगढ़ की कोल और खैर सीट पर कांग्रेस और सपा, दोनों के उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं। कोल से कांग्रेस के विवेक बंसल ने पर्चा दाखिल किया है जबकि सपा से शाह इशाक भी कोल सीट पर उम्मीदवार हैं। दोनों ने पार्टी सिंबल पर पर्चा दाखिल किया है। खैर सीट से भी कांग्रेस के मुख्तियार सिंह और सपा प्रशांत बाल्मिकी ने नामांकन किया है। यहां भी दोनों ने अपनी-अपनी पार्टी के सिंबल पर पर्चा दाखिल किया है। इससे ना सिर्फ क्षेत्र के दोनों पार्टियों के नेता बल्कि जनता भी परेशान है कि ये क्या हो रहा है।

मुजफ्फरनगर की पुरकाजी (सुरक्षित) विधानसभा सीट से भी कांग्रेस के दीपक कुमार और समाजवादी पार्टी की उमा किरण ने पर्चा दाखिल किया है। गठबंधन के बावजूद दोनो कैंडिडेट अपने-अपने प्रचार में लगे हैं। इनके अलावा स्याना, गोवर्धन, बलदेव और आगरा (उत्तर) विधानसभा सीटें भी इसी तरह की लड़ाई का सामना कर रही हैं। इसके अलावा कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली रायबरेली और अमेठी की भी कई सीटों पर दोनों की पक्ष अपना-अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। क्षेत्रीय नेताओं से बात करें तो वो आलाकमान से कोई जानकारी ना हने की बात कह कर निकल जाते हैं, वहीं सपा और कांग्रेस के उम्मीदवार खुद को ही सही कह रहे हैं। आपको बता दें कि लंबे समय से कांग्रेस और सपा के साथ में चुनाव लड़ने की चर्चा थी, जिस पर हाल ही में मुहर लगी है।
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Source: hindi.oneindia.com

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