राहुल गांधी की खाट सभा खत्म होते ही मची खटिया की लूट
नई दिल्ली, । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज से अपने मिशन यूपी की शुरुआत कर दी है. राहुल देवरिया से दिल्ली तक की 2500 किलोमीटर लंबी किसान यात्रा कर रहे हैं. यात्रा की शुरुआत आज देवरिया के रुद्रपुर गांव से हुई. यहां राहुल ने लोगों के साथ खाट पर चर्चा की. इसके लिए 2000 खाटों का इंतजाम किया गया था।
जैसे ही देवरिया में राहुल की सभा खत्म हुई लोगों ने सभी खाटें लूट लीं. पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी इस लूट में शामिल दिखीं. जिस खाट पर जो बैठा था वही उसे लूटकर ले गया. लोगों ने पत्रकारों को भी धक्का मारकर खाटों से उतार दिया. जो लोहे की खाटें थीं, जिन्हें लोग उठा नहीं पाए बस वही थोड़ी बहुत बची हैं. खाटें लूटने के लिए लोगों ने लाठियां भी चलाईं. एक बुजुर्ग खाट ले जा रहे थे, उनसे कुछ जवानों ने धक्का-मुक्की कर खाट छीन ली. यही नहीं राहुल के काफिले के साथ जो खाने-पीने की सामग्री और मिनरल वाटर की बोतलें आई थीं, वे भी लोगों ने लूट लीं।
गौरतलब है कि चर्चा शुरू होते ही लोग खाटों पर चढ़ गए थे, जिसके कारण कई खाटें टूट गईं. यही नहीं, लोगों का हुजूम राहुल की झलक पाने के लिए आगे खड़ा गया. जिससे वहां अव्यवस्था का माहौल पहले ही बन गया था.
राहुल ने सभा के दौरान यहां कहा कि सरकार में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी अपने वादे भूल गए हैं. मैं अलग-अलग राज्यों में जाकर किसानों से मिला. किसान खेती करने के साथ मजदूरी करने को मजबूर हैं. मैंने संसद में सवाल पूछा था कि किसान को जो रेट मिलता है. उसमें और मार्केट रेट में इतना फर्क क्यों? किसान 40 रुपए में देता है और मार्केट में 200 रुपए की दाल होती है. यह किसकी जेब में जा रहा है, किसानों और खरीदने वालों की जेब में नहीं जा रहा है. यह बिचौलियों की जेब में जा रहा है. मैंने पीएम मोदी से कहा कि किसानों की रक्षा कीजिए. किसान देश को भोजन देता है. जब हमारी सरकार थी तो हमने किसानों का 70 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था.
राहुल ने कहा कि पीएम मोदी ने 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बड़े-बड़े उद्योगपतियों का माफ किया. अगर आप बड़े लोगों का कर्ज माफ करना चाहते हैं तो कीजिए, लेकिन किसान का भी कीजिए. बिजली के बिलों से किसानों को दिक्कत होती है. आप उसे आधा क्यों नहीं करते.जब हमारी सरकार थी तो हमने मजदूरों की मदद मनरेगा से की और किसानों की मदद कर्ज माफ करके की. हमने इस यात्रा की शुरुआत मोदी सरकार पर दबाव डालने के लिए की है. किसानों की घबराहट को हम पीएम मोदी के कानों तक पहुंचाएंगे।