प्रदर्शनकारियों ने हाइवे पर आवाजाही रोकी, 700 बसों के पहिए थमे

बेंगलुरु, । दक्षिणी कर्नाटक के मांड्या जिले में किसानों और कन्नड़ समर्थक समूहों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बंद बुलाया गया. ये लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि कर्नाटक को अपने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी से पानी देना होगा।
मांड्या कावेरी बेसिन का सबसे महत्वपूर्ण इलाका है. इस क्षेत्र में आमतौर पर कावेरी के मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन होते रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक में मंगलवार को टायर जलाए और एक बड़े हाइवे को ब्घ्लॉक कर दिया. इन विरोध प्रदर्शनों की वजह से राज्य सरकार को तमिलनाडु और केरल की ओर जाने वाली 700 बसों को भी रोकना पड़ा. सरकार ने कहा है कि मंड्या जिले के स्कूल कॉलेज दो दिन तक बंद रहेंगें कृष्णा राज सागर बांध तथा वृंदावन गार्डन में प्रवेश शुक्रवार तक बंद रहेगा।
2007 के कावेरी न्यायाधिकरण के फैसले को लेकर तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि वह कर्नाटक को पानी देने के लिए कहे. इस न्यायाधिकरण को दो राज्यों के बीच चल रहे विवाद का समाधान खोजने के लिए बनाया गया था। कर्नाटक का कहना है कि उसके जलाशयों में कम वर्षा के कारण पर्याप्त पानी नहीं है. उसने 10000 क्यूसेक पानी प्रतिदिन की पेशकश की है, तमिलनाडु और पानी चाहता है और सुप्रीम कोर्ट ने अगले 10 दिन के लिए हर दिन 15000 क्यूसेक पानी देने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनावई 16 सितंबर को होगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शांति की अपील की है. उन्होंने इस मामले को लेकर बेंगलुरु में दोपहर को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई. पूर्व विधायक वातल नागराज और उसके कन्नड़ समर्थक संगठन ने शुक्रवार को राज्य में बंद का आह्वान किया है। बीजेपी चाहती है कि सरकार इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में नई अपील दाखिल करे और पार्टी ने राज्य सरकार के कदमों की निंदा की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *